मन ही तो हम सभी का सहयोग करता है। जीवन के सच में हकीकत भी मन भावों में रहता हैं। आज हम सभी अपने अपने स्वार्थ और फरेब रखते हैं। हां सच तो मन भावों में रिश्ते और हक़ीक़त रखतें हैं बस जरूरत तो निभाने और सच .
सच आस्था भी एक हमारा विश्वास जैसा कि हम समझते हैं हम मंदिर जाते हैं मंदिर में पत्थर को भी हम भगवान समझते हैं तो वह हमारी एक आस्था है यह हम किसी को विश्वास एप्प्रेरणा से अपने विषय में अपना सब कुछ बताते हैं यह
जीवन का सच तो केवल इतना है कि हम सभी स्वार्थ के साथ अपने आप को समझाते हैं और जीवन में हम परिवार बनाते हैं और बच्चे और रिश्ते बस हम उम्मीद और आशाएं रखते हैं और जीवन जीते हैं कल की आशा और उम्मीद के साथ
लेखनी समूह से एक रचना में समाज में नारी सच लिखा था उसकी प्रतिक्रिया में 4महिलाओ के गलत कहने पर समूह से निकाला यह मैं अपनी ग़लती नही समझ कर सहयोग और पहली लेखक गलती को सुधारने का अवसर न दिया गया आप सभी..
एक प्रार्थना या मन भाव का सच या इसे शिकायत कहे आप सभी बताएं और सहयोग करें धन्यवाद
हम सभी तो एक साथ हैं हम नारी और पुरुष है जीवन की हकीकत है न सच नं झूठ बस हम साथ हैं समय यूं ही गुजर रहा है हम सभी साथ हैं बस अफ़सोस हम सभी के साथ स्वार्थ और फरेब है बस हम सभी साथ हैं हां हम सभी साथ
शब्द और हम जीवन में सच तो शब्द है और अगर हम शब्द को सच कर ही देते एक है तब आपके दिल को दुःख या सुख होता है यही तो जिंदगी है हम हमेशा अपनी तारीफ और वाह वाही चाहते हैं बस सच तो एक कड़वी गोली है वो शब्द