एक मित्र ऐसा हो, जो सिर्फ मेरा हो
हेलो फ्रेंड्स। आज। मैं आप सभी को। 1 मित्र ऐसा हो। 1 पोयम लेकर आई हूं जो मेरे बहुत करीबी मित्र के लिए है। 1 मित्र ऐसा हो जो सिर्फ मेरा हो। मैं रोग तो हंसाया करे। मैं रूट हूं तो मनाया करें। बहलाकर। नए नए बहानों से रोज। मेरे नाटक सहा करें। वो भूल जाएं। मेरा नाम। मुझे फर्जी नामों से बुलाया करें। मेरे हर सुख दुख में साथ रहे। मेरी शैतानियों को नादानी समझा करें। उसे कमी महसूस हो। मेरी मुझे भी उसकी याद आया करें। दुख को दुख को मेरे मिटा कर। आँखों के आंसू साफ किया करें।
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 0:49
गुड? ईवनिंग, आशिका। बेहद? खूबसूरत। कविता। 1 मित्र ऐसा हो जो सिर्फ मेरा हो। यह अनुभूति ही खूबसूरत है कि कोई 1 खास मित्र होना चाहिए। जीवन में जो सिर्फ और सिर्फ हमारा है उसे हमें किसी के संग बांटना नहीं पड़ता और वो हमेशा हमारे लिए अवेलेबल हो जाता है। हमारा दुःख हो, सुख हो, कठिनाई हो? हर समय वो हमारे साथ रहता है। और हम अपना मन खोल कर अपने दिल की बात उसके साथ शेयर कर पाते हैं। बहुत सुन्दर रचना। बहुत सुन्दर तरीके से बताया। आपने। ऐसे ही लिखते रहिये, शेयर करते रहिये। बहुत बहुत धन्यवाद आपका।