आप सभी को मेरा नमस्कार। मैं। प्रतिष्ठा गुप्ता? अपनी 1 कविता के साथ। जिसका शीर्षक मैंने दिया है। चांद। जनाब। यहाँ। न। सारी। नजरिये की है। बात। क्योंकि चांद पर वो, काला टीका। किसी को धब्बा लगता है? तो किसी को नजर का टीका। किसी को धब्बा लगता है? तो किसी को नजर का टीका। किसी को। तो। चांद की खूबसूरती आसमान पर भी नजर नहीं आती। और किसी को किसी के माथे पर। लगी। बिंदी भी।
Shivani Jani
@ShivaniJani · 1:04
he prतistayorpoetre which on monats? very beautiful? chand? se? ces? शादी को ऐसा होगा कि जो मना करेगा। मुझे? चांद अच्छा नहीं लगता है। और कोई भी पोएट है तो उसने अपनी पोएट्री की जर्नी में कभी न कभी तो चांद के बारे में कुछ न कुछ लिखा ही होगा। मैंने भी बहुत सारी चीजें लिखी हैं चांद पर। और शायद चांद पे नही लिखा होगा। तो उसने अपने प्रेमी को या फिर किसी को चांद के साथ क*्पेयर किया किया होगा। तो चांद जो है फेवरेट है सब लोगों का।