@Nikitamajhi
Nikita Majhi
@Nikitamajhi · 1:11

और खुशीयों से तुम नाता जोड़ो।

article image placeholderUploaded by @Nikitamajhi
जब तेरा मन ही दर्पण है? दुनिया बस? 1 दौड़ नहीं? दुनिया बस? 1 दौड़? नहीं? तू भी अर्ध नहीं है? धावक? रुक कर, खुद से बात तो कर ले। अंतर मन को? शांत। तो कर लो। स्वप्न की गहराइयां को? समझो। स्वप्न की गहराइयों को? समझो। अपने अंदर की अच्छाइयां? समझो? स्वाबुधायकी। आदत, डालो। जीवन को। तुम खुल कर जी लो। आलस्य तुम्हारा दुश्मन है? आलस्य। तुम्हारा दुश्मन है? तो पुरुष अर्थ को अपना दोस्त बना लो। जीवन का ये रहस्य समझ लो।

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@Heart_sayer
Muskan Bothra
@Heart_sayer · 1:40

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नमस्कार? मैं। आपने। बहुत ही बढ़िया शीर्षक चुना है। खुशियों से। तुम नाता जोड़। लो? सही? कहा? जैसे कि हम अगर खुद से खुद का रिश्ता जोड़ लेंगे? तो खुशियों से नाता अपने आप जुड़ जाएगा। अगर हम खुद को पहचान लेंगे। खुद को लेंगे कि हम इस धरती में किस चीज के लिए आए हैं? क्या करना? चाहेंगे? क्या कर रहे हैं? खुद को? अगर पहचान लेंगे? तो खुशियां खुद। ब। खुद हमारे कदमों में होगी?
@WAR
writer Aashika (Reshu) jain
@WAR · 0:42
ह**ो? आपका जो टॉपिक है? खुशियों से नाता? जोड़ो। आपने। बहुत ही सोच समझकर इसे रखा होगा। मुझे आपकी पोएम्स की ये लाइन बहुत अच्छी लगी। कि तुम बाहरी दुनिया को क्या देख रहे हो? अपने अंदर? तो देखो। अपने अन्दर। कितनी उथल पुथल। मची है। उस। अपने अपने अंतर मन को देखो। उस उथल पुथल को क* करो। शांत करो। अपने मन को और अपने उस ड्रीम को सोचो। जो ड्रीम तुमने अपने अपने लिए सोचा है। उसी ड्रीम के ऊपर फोकस करो। क्या बाहरी दुनिया में लगे हुए हो। यह आपकी लाइंस?
@shivani_poetry
Shivani Tandon
@shivani_poetry · 1:27
हाई निकता। आपने बहुत अच्छा शिक्षक यूज किया है कि खुशियों से तुम नाता जोड़ लो। सच में। खुशियों से नाता जोड़ने की आजकल बहुत जरुरत है। हर किसी को क्या है। यार आजकल सभी टेंशन में रहते हैं। किसी के पास कोई प्राब्लम है? किसी के पास कोई प्रॉब्लम है? कोई किसी चीज से परेशान है तो खुशियों से नाता तो क* ही जोड़ते हैं। लोग दुखी रहते है। और फिर लोग यह शिकायत करते हैं कि जिंदगी में मुझे तो खुशियाँ मिली ही नहीं।
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