नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम सुनाक्षी गुप्ता है और मेरी कविता का शीर्षक है गहरा इश्क तो कुछ यूं शुरू होता है मेरी जिंदगी का सफर। उस छोटे से प्यार से झटंदलब्जों में बया हो जाए वो तो चंद लब्जों में बयां हो जाए वो इश्क नहीं है मेरा और कुछ यूं ही नहीं मेरी यादों में। तेरे उस हसीन चेहरे का पहरा गहरे जज्बातों से भरा इश्क है गहरे जजबातों से भरा।
आपकी जो लाइंस गहरे इस्क के ऊपर हैं वो मुझे बहुत ही अच्छी लगी। आपने जो गहरा इस्क टॉपिक लिया था वो बहुत सोच समझ कर लिया होगा। बहुत ही प्यारा टॉपिक है। गहरा इस्क। आपने। गहरा। 1 बहुत लंबा टॉप टॉपिक है। उसके बारे में। जितना लिखा क* है। कोई माँ बाप से प्यार करता है। उनके लिए कुछ भी कर सकता है। मतलब आज की दुनिया में हर प्रकार का लब होने लगा है। तो तुमने उस लव के बारे में जो इतना जटिल विषय है। उसे इतने इसी तरीके से हम सबको समझाने की कोशिश करे।
Prabha Iyer
@PSPV · 3:13
बात रूम में? जाके? कॉल करना? या कहीं जाके? कॉल करना? ऐसे जो इश्क होता है वो बहुत एक्सेप्शनल होता है। एंड दैट लव। इस वेरी? ट्रू? एंड वेरी? गुड? एक्सपीरियंस सिंह? पर्टिकुलर। लव? जिसका एक्सेप्टेंस नहीं होता है न? वो ज्यादा। और अच्छा लगता है। और जो एक्सेप्ट हो जाता है तो पता ही चल जाता है। मतलब? हां? यह तो मेरा है? या? यह मेरी है? बस? हम लोग शादी करने के लिए थोड़ा वक्त की जरूरत है। क्योंकि अभी हम क*ा रहे हैं? या पढ़ रहे हैं? कुछ भी।