@Zyra
Zyra 0786
@Zyra · 0:46

Phir Bhi Yaad Aate Ho Tum

फूलों से। नाता? तोड़ लिया। तेरी। यादों से। मुख। मोड़ लिया। जिस गली में तेरा घर था साथी, उस गली में। जाना ही छोड़ दिया। फिर भी। याद आते हो? तो? आस का दीपक? बुझा दिया। मन को। अपने मना लिया। कब से बीती बातों को। मैंने। साथी। मन से। अपने मिटा दिया। फिर भी याद आते हो तुम। रोना। धोना? छोड़ दिया। नए सिरे से। जीना सीख लिया। तेरे। इस जीवन से। अब। साथी नहीं रहा। कोई रिश्ता। मेरा।
@Kavya13
Kavya .
@Kavya13 · 0:31
आपकी कविता और शायरियां सुन के मुझे मेरी 1 शायरी याद आ गई। जो मैं। यहां। सुनाना। चाहूंगी। उल्फत। बदल गई। कभी नीयत बदल गई। खुदगर्ज जब हुए तो फिर सीरत बदल गई। अपना कसूर। दूसरों के सर। पे डाल कर। कुछ लोग सोचते हैं? हकीकत बदल गई।
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