7 वचनों के बंधन में बंद कर तो हर कोई रिश्ता निभा ही लेता है। असली रिश्ता तो वही है जिसमें कोई बंधन न हो। फिर भी प्रेम असीम हो?
7 वचनों के बंधन में बंद कर तो हर कोई रिश्ता निभा ही लेता है। असली रिश्ता तो वही है जिसमें कोई बंधन न हो। फिर भी प्रेम असीम हो?