धूप थी। वो सिमट गई। वो जो चांदनी थी बिखर गई। मगर। 1 जुगनू आखिर सा भी। तिरी। khilaf he मेरे गम में शरीक था। जिसे मेरे गम भी अजीज था। जो खुश हुआ तो पता चला कि वो मेरी खुशी के खिलाफ है।
धूप थी। वो सिमट गई। वो जो चांदनी थी बिखर गई। मगर। 1 जुगनू आखिर सा भी। तिरी। khilaf he मेरे गम में शरीक था। जिसे मेरे गम भी अजीज था। जो खुश हुआ तो पता चला कि वो मेरी खुशी के खिलाफ है।