न हवस तेरे जिस्म की न शौक तेरे हुस्न का न फिदा तेरी नीयत पे न नाराज तेरी बेवफाई से मैं बे फिजूल सा लड़का हूँ पता नहीं क्यों तुम पे मरता हूँ न तेरी कद्र की परवाह न तुझ पर हक जताने की इच्छा तो दूजे के साथ खुश रहे ये दुवा मैं ही करता हूँ मैं बे फिजूल सा लड़का हूँ पता नहीं तुम पे क्यों मरता हूँ सो 10 पोइटरी लौट लॉंग बैक ट्वेंटी सेवेंटीन आई डोंट नो वैन बट वॉज आउट ऑफ अ फीलिंग यह 1 बात थी मैंने ये कविता बहुत पहले लिखी थी और 2017 18 ये साल में कि ऐसी कुछ परिस्थिति यह हो गई थी कि जिससे मैं प्यार करता था उसे मैं पाना भी नहीं चाहता कभी मैं बस उसकी खुशी चाहता था और कुछ अलग से मोड़ हो गए क्या हुआ मुझे भी नहीं पता अभी और चीजें बिगड़ती चली गई पर इच्छा हमेशा यही थी कि मैंने कभी उसे पाने की न कोशिश करी न और कुछ हाँ जब ये चीजें बढ़ती गई तब उसे बहुत कुछ बताना चाहता था पर बता भी न पाता तो वो 1 कश्मकश सी थी पर उसकी परवा बहुत थी यार यह थी कि वो खुश रहे चाहे दुनिया डुबाने पड़ जाए चाहे कुछ भी कर जाए उसकी वो मुस्कान सलामत रहे चाहे वो मुझे गाली दे बट वो खुश रहे तो ये कुछ अलग सी ही बात थी और तब मैंने ये जो जज् बात इस कविता में थे के नातों में मेरे लिए तो सबसे खूबसूरत है है खूबसूरत थी तू क्योंकि और कोई तुझसे खूबसूरत भी मुझे खूबसूरत नहीं लगती थी बट ऐसा नहीं था कि कि तेरे से खूबसूरत लड़की मैंने देखी नहीं थी या फिर तेरी नीयत पे मैं मर जाऊं तेरी नीयत तो बिगड़ चुकी थी यार सो ऐसा भी नहीं था न कि तेरी वो धोके वो तेरे झूठ इससे मैं नाराज भी नहीं था न कभी तुझ पर जताने की कोशिश करी और न तुम्हे पाना भी चाहा पर तेरी खुशी हमेशा चाहिए बल्कि अगर कुछ परिस्थिति न होती तो शायद मैं कभी आपको बताता भी नहीं बहुत सारी चीजें क्योंकि हम कुछ अलग ही है भाई आज तक हम किसी के पीछे नहीं पड़े और कभी पढ़ेंगे विनी चलो थैंक यू

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