Jagreeti sharma
@voicequeen · 2:16
शक्ति और भक्ति का अनुपम समागम -नवरात्रि
जी हां? शक्ति और भक्ति का अनुपम। समागम। है। 9। रात्रि का त्यौहार। जोर जलाओ गरबा, राष्ट्र, बचाओ? क्योंकि आया है नौरात्रि का त्यौहार। 9। रात्रि का त्यौहार। ढोल से बोल? मिलाओ, ताल से। ताल। मां की भक्ति में? खो? जाओ? ढोल से। बोल? मिलाओ, ताल से। ताल। मां की भक्ति में? खो जाओ। मांगो। मां से। पावन, हृदय की शक्ति। राह से। भटकू।
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 0:30
नमस्ते? जागृती। जी? नवरात्रि की। आपको। बहुत बहुत शुभकामनाएं। और नवरात्रि के इस पावन पर्व। पर। आपने इतनी सुंदर कविता लिखी है। माता के बारे में, इस त्योहार के बारे में, इसके महत्ता के बारे में। बहुत ही सुंदर। अप्रतिम कृति है। आपकी? धन्यवाद। मुझे। इस पर आमंत्रित करने के लिए। और ऐसे ही लिखते रहिये। आप। बहुत अच्छी कविताएं लिखती हैं। ध्यान रखिएगा, धन्यवाद।
Jagreeti sharma
@voicequeen · 0:13
थैंक यू ग्रे मेटर मेरी कविता को इतने ध्यान से सुनने के लिए और अपना इतना सारा प्यार और समय देने के लिए आप भी बहुत अच्छा लिखते। हो। लिखते रहिएगा।
हेलो? जागृति? शर्मा। बहुत बहुत धन्यवाद। आप सच में। बहुत अच्छी तरह। शक्ति और भक्ति का अनुपम। संगम नामक इस कविता से हम सबको भक्ति लोक में डुबा दिए और साथ ही साथ सबको नवरात्री की शुभकामनाएं देते हुए नवरात्री की प्रत्येकता नवरात्री की विधि विधान को आप बहुत अच्छी तरह अपने कम शब्दों में बहुत अच्छी तरह समझा है। और जिस तरह आप मां से अपनी प्रार्थना को 1 कविता के रूप में हमारे सामने प्रस्तुत किया है। मुझे बहुत अच्छा लगा। जब भी आप 1 टॉपिक लेते हो।