सार्वजनिक संपत्ति न करो। तुम इसे स्वच्छ। न। तोड़ो। इसकी नियम जिम्मेदार। नागरिक। बन। उठाओ। रेल यात्रा का। आनंद छुक छुक छुक छुक रेल आई। आकर हान बजाई। छुक छुक छुक छुक रेल आई। आकर हान। बजाई। उम्मीद करती हूं कि आप सभी मेरी कविता से रिलेट कर पाएंगे। और आप भी अपनी कोई रेल यात्रा का अनुभव या वर्णन मुझे सुनाएगा। आपको मेरी कविता कैसी लगी? मुझे बताइएगा। साथ ही बॉलिवुड में भी। रेल से जुड़े बहुत सारे गाने हैं वो भी सुना सकते हैं।
और रेलगाडी हमें मंजिल तक पहुँचाती हैं। मेरा यही कहना है कि हम जितना जिनको पसंद हैं जिनको शो का यात्रों का। उनको जाना चाहिए। और रेलगाड़ी में जाकर उनको बड़ी। सारी। नई चीजें सीखने को मिलती है। हम बाहर के लोगों से मिलते हैं। हमें स्टेशन्स का। पता चलता है नए नए। जो। हम। अगर आम गाड़ियों में जाए तो हम इतने स्टेशनस रुकते नहीं हैं। हम सीधे चलते जाते हैं। तो ऐसे ही रेल। गाडी का अपना मजा है। और आम गाड़ियों का अपनी जगह।
Jagreeti sharma
@voicequeen · 0:18
thank? यू आवंतिका आपने मेरी कोम से बचपन की यादों को ताजा कर लिया। via a thank you?