दिन भर। वो ऑफिस मैं। निकल जाता। पर शाम को ऑफिस आने के बाद उसे मां के खान की नीबू पानी। व बगीचे के पौधे? याद आते? जिससे वो बातें कर के अपने दिन भर की। थकान। भूल जाता। गांव में। नीबू। मिलना भी। कितना सरल था? बस बगीचे में जाकर नीबू तोड़ना होता था। यहां। मुंबई में तो गर्मियों में नीबुओं मारामारी है? जिससे नीबू मिल गया। समझो वो खुश नसीब है। और पानी भी।