Jagreeti sharma
@voicequeen · 2:07
रुह की चोट....(sexual harassmant awareness)
खुद का अस्तित्व ही कहीं हो जाता है? जी? हां? खुद का अस्तित्व ही कहीं हो जाता है? हर यौन उत्पीडन की यही कहानी है? आज? सिमित? नहीं? है। हे नारी तक। हर यौन उत्पीडन की यही कहानी है? आज? सीमित? नहीं। हे नानी तक। क्या बच्चे? क्या बुजुर्ग? हर किसी को। उसने? भिड़ा है? साइबर? बोलिंग के नए चेहरे के रूप में। यह में आया है।
Urmila Verma
@urmi · 2:09
अच्छा कार्यक्रम देखें तो इससे काफी फर्क पड़ा है। और संस्कार परिवार में बढ़ाना चाहिए। सबको सिखाना चाहिए कि भई मानवीय मूल्यों को पतन नहीं हो। वे कम से कम महिलाओं पर उत्पीड़न बंद होनी चाहिए। ताकि छोरियां छोटी? छोरियां? महिलाएं? बाहर निकले। काम के वास्ते? पढ़वा। वास्ते? तो भाई मुक्त रह? सके।