@voicequeen
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:51

बारिश

article image placeholderUploaded by @voicequeen
उम्मीद है। आप सब बहुत अच्छे होंगे। सस्थोंगेप्रसन होंगे। मैं? 1। नया। सर्वे आपके सामने प्रस्तुत हुई। हूँ। आज का सवाल। कविता है। कविता का शेक है? बारिश सुनिए। जब धरती की तपिस बढ़ जाती है। जब धरती की तपिस बढ़ जाती है। पपीहा और चातक प्यासे होते हैं। पपीहा और चातक प्यासे होते हैं तब चातक की प्यास बुझाने बरखा रानी आती है। जब प्रदूषण से धरती की पीड़ा बढ़ जाती है तब बादल के आंसुओं के रूप में बारिश होती है।

#raindrops #mywordsmypower, #poetofswell

@urmi
Urmila Verma
@urmi · 1:05
जाग्रती। जी। आपकी। कविता। सुने। बारिश। इस समय। चारों बरसाती बरसात हो रही है। धरती की। तपिश। बुझाने बादल आ गए है। और जातक भी। बड़ा आतुर होकर आकाश की ओर निहारता है। पीहू पीहू बोलता है। रिमझिम बरसातें होती हैं। और हर कोई प्रसन् न रहता है। इसमें। चाय और पकड़ों के साथ हम बारिश का आनंद लेते हैं। भाई बहन का त्यौहार रक्षाबंधन भी शावणमासकी पूर्णिमा को आता है। तो ये सब बड़ा ही। सुन्दर। तु काल है। और बहुत प्रसन्न देने वाली ऋतु है।
@voicequeen
Jagreeti sharma
@voicequeen · 0:11

@urmi

धन्यवाद। मिला में। मेरी कविता को इतनी ध्यान से सुनने के लिए, और उसका रिप्लाई देने के लिए, और मुझे प्रसाय करने के लिए। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
0:00
0:00