First Thought For The Day ~ सुनो मगर ध्यान से
कोई सोलूशन पर पहुँचना चाहते है? तो ये अलग अलग तरह के इंटेंट हैं? जो हम जिस इंटेंट के साथ हम उस कॉन्वर्सेशन को सुनते हैं। अब यह तो बात हो गई इंटेंट की। लेकिन कई बार हम देखते हैं कि वो इंटेंट होते हुए भी हम मिस कर जाते हैं। हमारा ध्यान कहीं और भटक जाता है? हमें उसमें इंटरेस्ट नहीं रहता है? तो? तो हम क्या कर सकते हैं? तो हम यह कर सकते हैं कि हमको अवेयरनेस के साथ, कांशसनेस के साथ, एक्टिव होते हुए उस कॉन्वर्सेशन में उस संवाद में भाग लेना है। और उसमें हमें पता होना चाहिए कि क्या उद्देश्य?