@Vivek.Padalia
Speaking Buddha
@Vivek.Padalia · 20:04
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good morning namskar slam namaste sasraकaमै हूँ आपका दोस्त mitrvivekaghm bat pitualitynsexuliti हम सब अपने जीवन में अनुभव करते हैं और इसको विभिन्न पहलुओं से जब देखते हैं चाहे जीवन में हो चाहे समाज में हो और ऊपरी सतह पर ऐसा देखा जाता है कि दोनों ही 1 दूसरे से वन ए टी डिग्री पर है लेकिन वास्तविकता यह है कि दोनों 180 डिग्री पर न होते हुए दोनों 1 दूसरे को बढ़ावा देने के लिए दोनों 1 दूसरे को सपोर्ट करते हैं ताकि हम अपने जीवन में अपने समाज में आध्यात्म परस्पर विकसित हो अब यह समझ बढ़ाने के लिए यह समझने के लिए थोड़ा सा हमें गहराई से इस पर चर्चा करनी होगी और विडंबना यह है कि इसको 1 अछूत की तरह इसको हिन द्रष्टि से देखा जाना ही समाज में भिन्न भिन्न प्रकार की अवधारणाओं को गलतफैमियों को बढ़ावा दे रहा है और आज के युवा या कोई भी व्यक्ति जो उस को समझ नहीं पाता है वह उसे अपने जीवन में पॉजिटिविटी के साथ प्रयोग करने में सक्षम नहीं हो सकता है तो हम सबसे पहले समझते हैं कि सेक्सुलिटी क्या है तो विभिन्न परंपराओं में सेक्सुलिटी को अलग अलग दृष्टिकोण से देखा जाता है जैसे हिंदू धर्म में इसको संभव और संतान प्राप्ति के माध्यम से देखते हैं जो परिवार के लिए 1 बहुत महत्वपूर्ण है इस्लाम में इसको 1 निजी और सामाजिक जीवन की 1 प्राकृतिक प्रक्रिया माना जाता है जो विवाह और परिवार में सहमति और संगीत का बढ़ावा देते हैं अगर बौध धर्म के परस्पेक्टिव से देखें तो इसको संतान प्राप्ति और पारिवारिक उत्थान के लिए देखते हैं जैनिज्म या जैन धर्म में इसको विवाह और अंतर संबंधों की अभियक्ति के रूप में देखा जाता है जो आत्मा के संबंध में 1 स्प्रिचुल प्रगति या स्प्रिट आध्यात्मिक प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण है और अगर हम स्प्रिचुएलिटी की बात करें तो यह भी अलग अलग परंपराओं में अलग अलग दृष्टिको से देखा जाता है तो हिंदू धर्म की बात करें तो इसको ब्रह्म के साथ या यूनिवर्सल सोल के साथ या हरसेल्फ के साथ 1 भाव या अलाइनमेंट का एक्सपीरियंस करने का 1 प्रयास के तौर पर देखते हैं बौद्ध में इसको आध्यात्मिक संसार में जो दुख हैं उनसे मुक्ति की प्राप्ति के लिए मार्ग दर्शन के तौर पर देखा जाता है इस्लाम में आध्यात्मिकता अल्लाह के साथ आत्मा के सम्बन्ध की खोज है जो कि सूफिज्म में आपको बहुत रोग के साथ बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलेगा जहां पर संगीत प्रार्थना ध्यान सेवा ये सारी भावों के साथ इन प्रयासों के साथ हम अपने जीवन में लाते हैं चाहे फिर वो संगीत ही क्यों न हो कोई विचार हो या सामूहिक ग्रुप साधनाएं हो आराधनाएं हो और जिनका प्रयोग करके हम आध्यात्मिक उन्नति जीवन में लेकर आते हैं तो समाज में सेक्सुलिटी और आध्यात्मिकता 1 दूसरे का वास्तव में देखा जाए तो समर्थन करते हैं ना कि विरुद्ध वास और व्यक्तिगत जीवन में और सामाजिक जीवन में 1 बैलेंस सिंग एक्ट का काम करते हैं 1 संतुलन का काम करते हैं समाज को समृद्ध बनाने में और हमें आध्यात्मिक प्रोग्रेस या आध्यात्मिक बढ़ोतरी करने में काफी हद तक या यूं कहें हमेशा मदद करते हैं जब समाज की बात करते हैं तो सेक्सुलिटी और आध्यात्मिकता का जो संतुलन है जो 1 सामांय से है वो जो बैलेंसिंग एक्ट है वह सभी को 1 ही भाव से इम्पैक्ट करता है तो समाज के जितने भी जो सदस्य हैं या जो लोग हैं सभी को ये कह सकते हैं कि मदद कर रहा है उनको उनके संबंधों को संतुलित करने में उनके सामंजस्य को बढ़ाने में और 1 संवाद का माध्यम के तौर पर बनकर उसको 1 संतुलित जीवन जीने में मदद कर रहा है 1 समाज को 1 यानि समाज को 1 बेहतर जगह बनाने में मदद कर रहा है अगर व्यक्ति के तौर पर 1 व्यक्ति के जीवन में पर्सनल लेवल पर अगर हम देखे तो सेक्सुलिटी और आध्यात्मिकता जो है उसके जीवन को 1 बैलेंसिंग एक्ट की तरह हो रहा है या बना रहा है जब कोई भी संबंध है उसमें आत्मिकता आती है या यू कहें कि इनके इस की वजह से आत्मिकता आती है जो हम 1 दूसरे के साथ सम्मान का भाव रखते हैं विश्वास का प्रेम का समर्थन का और इन अनुभवों को बेहतर तरीके से हमें प्रदान करते हैं और सामाजिक जीवन की बात करें तो वहां भी यह बढ़ावा देते हुए दिखाई देते हैं जब हम अपने संबंधों को आत्मिक दृष्टिकोण से देखते हैं और देखेंगे कि यह हमें और सामर्थवान बना रहा है और सहयोगी के तौर पर प्रस्तुत कर रहा है हम समाज सेवा कर रहे हैं हम और भी माध्यमों से किसी न किसी तरीके से सामाजिक जीवन को 1 महत्वपूर्ण ता के साथ 1 इम्पोर्टेंस देते हुए योगदान देते हैं तो कह सकते हैं कि सेक्सुलिटी प्राथमिकता जो 1 दूसरे को समर्थन कर रहे हैं चाहे सामाजिक तौर पर देखें चाहे व्यक्तिगत तौर पे या किसी और दृष्टि से ये तो बात हो गई कि अगर हम समझ रहे हैं कि स्प्रिचुएलिटी क्या है आध्यात्मिकता क्या है सेक्सुलिटी क्या है इसको कैसे कैसे अलग तरीके से देखा जाता है और इसका समाज में और व्यक्तिगत तौर पर क्या हम आज के दौर में इस्तेमाल कर रहे हैं और कैसे हमें यह मदद कर रहा है 1 बेहतर जीवन जीने में तो क्या चीज है जो हम इसको और प्रयासों को और क्रियाओं को और बेहतर तरीके से करें ताकि हम जो कर रहे हैं उसको 1 नेक्स्ट लेवल पे 1 हर लेवल पे ले जा पाए तो उसके कुछ तरीके हैं जैसे कि ध्यान और प्रार्थना का अभ्यास अगर हम इसको प्रतिदिन रोजाना कुछ समय निकालें ध्यान और प्रार्थना के लिए तो यह हमें हमारे मानसिक और आत्मिक स्थिति को मजबूत करेगा और हमें अपने सेक्सुअल लेवल को अनुभवों को समझने में भी मदद करेगा क्योंकि हम जितनी गहराई में उतरेंगे हमें आर अपने साथ अपने अनुभव के साथ साथ साक्षात्कार उतना ही बेहतर होगा योग के माध्यम से भी हम इसको बढ़ावा दे सकते हैं इसको और मजबूत कर सकते हैं योग और मेदाता आपके जो शरीर है जो मानसिक स्वास्थ्य है उसको भी बहुत बेहतर बनाने में मदद करेगा और फिर वही कि हम स्प्रिस्ैलिटीकी जो ये टूल्स या टेक्नीक सेन को इस्तेमाल करते हुए अपने सेक्सुलिटी के जो अनुभव हैं उनको सुधार इम्प्रूव या और स्टेंतन कर सकते हैं कुछ तंत्र और मंत्र की क्रियाएं हैं जो अगर सही तरीके से करी जाएं समझी जाएं तो बहुत अदित्य रूप में गहराई में यह काम करती है आपके अपने साथी के साथ जो अभ्यास हैं उनको और गहरे करें और आत्मिकता के स्तर पर और अपने संवाद के स्तर पर उनको मजबूती दें और आप देखेंगे कि कहीं न कहीं यह आपके संबंधों को बैलेंस कर रहे हैं मजबूत कर रहे हैं और संचालित भी बेहतर तरीके से कर रहे हैं 1 जो महत्वपूर्ण पक्ष है इसका जो हमारे समाज में उसका भी प्रयोग कम देखा जाता है सही तरीके से पॉजिटिविटी के साथ या पॉजिटिव वे में वो है सेक्सुअल शिक्षा और साक्षात्कार तो सही जानकारी सही समय पर उसका वार्तालाप चर्चा जो कि बेहतर के साथ समझने में अपने आप को अपने साथी को अपने समाज में अपने सामाजिक स्तर पर को तो अगर हम ऐसा कर पाए उसका 1 इको सिस्टम डेवलप कर पाए जैसे कि अपने घर में अपने स्कूल में या और किसी माध्यम की चर्चाओं के साथ छोटे ग्रुप्स में ये 1 सकारात्मक प्रयास है जो हम अपने लेवल पर अपने आसपास कर सकते हैं और देखेंगे कि जब इस पर खुल कर बातचीत होगी और सही तरीके से सकारात्मक के साथ सकारात्मकता के साथ बातचीत होगी तो इसके इम्पैक्ट जो है वो अलग ही तौर पर हमको अपने आप और अपने आसपास देखने को मिलेंगे और जब ऐसा कर पाए या करते हैं तो इनका सबका जो इम्पैक्ट है वो हम लोगों को प्रेम के स्तर में 1 समरसता के भाव में 1 रिस्पेक्ट के लिए देखेंगे कि बढ़ेगा ग्रैटिट्यूड है आप हमारे संवाद हैं जब ये सब चीजों को इम्पैक्ट करेगा तो कहीं न कहीं किसी न किसी तरीके से शारीरिक रूप से मानसिक रूप से आत्मिक रूप से हमारे पर्सनल लेवल पर या या यूं कहें सामाजिक लेवल पर यह बहुत बेहतर तरीके से काम करेगा और उसका इम्पैक्ट हमको देखने में मिल पाएगा तो जब हम यह करते हुए आगे बढ़ते हैं हमने समझा कि 1 सेक्सुएलिटी और साक्षात्कार किया हमने इसके साथ स्प्रिचुएलिटी को समझा और अनुभव किया तो देखते हैं कि ये कितने डिफ्रेंट डिफ्रेंट लेवल पर कितने अलग अलग स्तर पर काम कर रहा है और हमको 1 बेहतर इंसान बनने में बेहतर संबंध स्थापित करने में बेहतर समाज बनाने में मदद कर रहा है और इतना ही नहीं ऐसा करते हुए जब हम आगे बढ़ेंगे तो हमें 1 आत्म संतुष्टि का भाव बनेगा और 1 खुशी मिलेगी जो हमारा 1 आध्यात्मिक उद्देश्य है तो मेरी आशा है कि इसी के साथ आप लोग खुश रहें आगे बढ़ते रहें और 1 समृद्ध जीवन जिए बहुत बहुत धन्यवाद

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