Vipin Kamble
@Vipin0124 · 3:02
अधूरी ख्वाहिशें हमारे संग रहने की, जो नहीं हो सकी पूरी…..
अधूरी, जो देखी थीं। तेरे। संग पूरा करने की। जी। ये 1 छोटी सी कविता मेरी तरफ से उन नाकामयाब कहानियों के नाम, जिनकी। ख्वाहिशें पूरी होने की। कगार तक आते। आते दुर्भाग्य हो, अधूरी रह गई। और बस ख्वाइशें ही रह गए। बहुत बहुत धन्यवाद। आप सभी का सुनिएगा। और आप अपनी प्रतिक्रियाएं अवश्य दीजिएगा।
Muskan Bothra
@Heart_sayer · 1:49
नमस्ते? मैं? तो? मैंने। आपकी। ये कविता। पढ़ी। अधूरी ख्वाहिश। सच। कहा। जिंदगी में। कुछ न कुछ ख्वाहिशें अधूरी रह जाती है। ऐसा नहीं होता कि हमारी सारी। ख्वाहिशें पूरी हो? क्योंकि अगर पूरी हो जाएगी। तो फिर हमें इंतजार किस चीज? का रहेगा? हम। किस चीज के लिए? जिएंगे? क्योंकि कुछ अधूरा रहेगा? तभी। तो जीने की तड़प होगी? इंतजार होगा। मैं भी। कुछ पंक्तियां? आपके सामने। प्रस्तुत करूंगी। कविता के तौर पर। नहीं?
Kaukab Mushtaq
@KaukabT4YM · 4:57
अगली वाहिश पूरी हो जाए। पिछली? अधूरी फाहिश के चक्कर में। वो 1। और फाहिश अपने अंदर पैदा करता है। और फिर जब वो भी अधूरी रहती है। फिर वो 1 और पैदा करता। फिर। इसी तरह से वो अधूरी ख्वाहिशों की 1 कविता अपनी जिंदगी में बना लेते हैं। हम जैसे कुछ लोग उसे लिखना शुरू करते हैं। और कुछ लोग सिर्फ उसे अपने दिल तक में फूस कर लेते हैं। अपनी बातें। वो लिख नहीं सकते हैं। अपनी बातें किसी से कह नहीं सकते हैं।
Swell Team
@Swell · 0:15
ह**ो विपिन जी मुझे आपकी कविता बहुत अच्छी लगी। बहुत सुंदर ऐसी ही लिखते रहिए। ऐसी हमारे साथ शेयर करते रहिए।