@Vipin0124
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 2:43

मन चंचल सा

article image placeholderUploaded by @Vipin0124
मन। कुंग कुंग की लाली से, अपने भाव। छुपाता। मन बादलों के पार जाने को आतुर। हवा। सा। तेज दौड़ता। मन। विद्युत गति से, विचारों के साथ भागता। मन। प्रियतम के आलिंगन में। सिमटने को आतुरता से राह तकता। मन। उनकी आँखों में अपने लिए ढेरों। प्रश्न। ढूंढता। मन। पतझड़ के गिरते। पत्तों। सा। तेज। तेज धड़कनों के साथ। दौड़ता। मन। तेज झरने से गिरते पानी। सा। निश्चल। मन। घने। पेड़ों के पीछे झांकता।

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@voicequeen
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:09
नमस्कार विपिन में। मन चंचलता की पोयम सुनी। आपने अपने पोएम में युवा अवस्था के चंचल मन का बहुत अच्छे से चित्रण किया है साथ ही भावी दुल्हन की मनोदशाओं का भी चित्रण किया है। सच में मन बहुत चंचल होता है न? पता नहीं क्या क्या कर बनाए संजो लेता है। और पल भर में यहाँ से वहाँ के ख्वाब बोल लेता है। युवा वस्था जिसका चेकरनाथने किया है बड़ा ही अजीब समय होता है। 1 तरफ तो मन में अलहरपनहताहैचनसलता होती दूसरी तरफ हमें सफलता की सीढ़ियों को चढ़ना होता है।
@swenzaa67
Sabi Sharma
@swenzaa67 · 0:28

@Vipin0124

हेलो? विपिन? मैं? मैं सारी बोल रही हूँ। आपका। जो ये स्व है। मन? चंचल सा। आपने। बहुत खूबसूरती से। इस पोएम में। मन कैसे चंचल है? ये बताया है। आपने? मन के कई भावों को। बताया। मन क्या सोचता है? क्या करता है? यह? सब कुछ? बहुत खूबसूरती से प्यारी सी। कविता में बता दिया। आपने। बहुत ही अच्छा। बोला। आपने। थैंक यू।
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