@Vipin0124
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 1:30

वो पुराने दिन, आशिकाने दिन, ओस की नमी में भीगे वो सुहाने दिन ……..

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पड़ेंगे? जब कोई राह चल? पड़े? जाएंगे? कहाँ है? पता नहीं? कह रहे हैं? वो? हम की? खता? नहीं। वो पुराने दिन। आशी काने दिन। उसकी नमी में। भी के वो। पुराने दिन। बहुत दिन से। यह कविता गुनगुनाने का मन था। आज। हिम्मत की सुनिएगा। और अपने विचार, जरूर दीजिएगा। धन्यवाद।

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@Nikitamajhi
Nikita Majhi
@Nikitamajhi · 1:42

Reply to वो पुराने दिन पीयूष मिश्रा #collegevoiceindia #poetsofswell #swellcast #wopuranedin #songreply #piyushmishra

मगर किसी भी राह को जन लेते? चुन? लेते। पहले और आखिरी खत डूटी। आज। चुनो। खुद ही खता कर लेते, खता कर लेते। आज। चलो। हम। आज। चलो। हम। पर। पुराने। दिन को। जी लेती है? जी लेती है। थोड़ियासीके। थोडिया सी तुम कर लो। और थोड़ी हम कर लेती है। हम कर लेती है। आशा करती हूँ कि आप सभी को पसंद। आएगा। धन्यवाद। सुनने के लिए।
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