भूटूसेछूलुतुम मेरा गेतअमरकरदूर, ऊहूटूसेछूलोतुम मेरा गीत अमर कर दू, बन जा। भी मेरी मेरी प्रीत अमर कर दू, होठों से छू लो तुम मेरा गीत कर। 29। अमरकी सीमा 9। जन हो बंधन। जब प्यार करे कोई तो देखे, केवल मन तुम ने रीत जला कर। 2 मेरा गीत मर कर, दूर, होठो से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर। 2।
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 1:43
जगजीत सिंह साहब का होठों से छू। लो। तुम। हिंदी और साहब का लिखा हुआ। जगजीत सिंह साहब ने कंपोस्ट किया? उन्होंने ही गाया प्रेमगीत। फिल्म का यह गाना बेहद खूबसूरत है। आपने? बहुत सुंदर तरीके से गाया। सही शब्दों में कहूँ? तो अपनी जवानी का टाइम याद आ गया। मुझे हम 19, 20 साल के रहे होंगे। तब ये गाना रेडियो पे? एफ एम पे बहुत बजा करता था। और मेरे पास 1 कैसेट थी। उस जमाने में हम कैसेट सुना करते थे?