Laxmi Dixit
@vicharnama · 2:16
अच्छा किसके लिए बनें
हेलो? एवरीवन। वेलकम। टू। माई? विचार। नामा, नहाए। धोए। क्या हुआ? जो मन का मैल न जाए? मीन? सदा? जल में रहे? धोए बास न जाए। आजकल लोग सोचते हैं कि भक्ति, पूजा, पाठ, दान, धर्म, अच्छे, कर्म आदि। बाहरी कर्मकांड करने से वो लोगों के सामने खुद को बहुत अच्छा चरित्रवान साबित कर लेंगे। यह कुछ हद तक सच भी है? क्योंकि दुनिया बाहरी आडंबरों को ही देखती है।
Meenu Babbar
@kavyakaar · 1:00
अपने जीवन को दूसरों की सहायता में लगना चाहिए। धरती माँ की सहायता में लगाना चाहिए। सेवा में लगना चाहिए। और सदैव, अच्छे, कर्म करने हिए। यही हमारे जीवन का 1 मात्र लक्ष्य होना चाहिए। 1 व्यक्ति मनुष्य होने के नाते। बहुत सुन्दर विचार हैं। आपके। और आपने। हमारे साथ। इसको बांटा। उसके लिए। बहुत बहुत धन्यवाद। और आगे के लिए बहुत बहुत शुभकामनाए।
ओनली हिस ओमनी प्रेजंट वी जस्ट ट्राई? तो चीट पीपल अंडर द मास्क ऑफ? being good। वी ट्राई टू मेक देम फील आज इफ अर? सपोर्टिंग? देम एंड वी ट्राई टू पुल दम डाउन सो? वी शुड नॉट? बी लाइक। दैट। इस मन में। बुरा? बुराई? है? तो बाहर। बाहर से। हम कितने भी अच्छे हैं? पर उसे कुछ भी फर्क नहीं पड़ने वाला। है। तो जो भी है। मन से करना है? दिल से करना है?
Laxmi Dixit
@vicharnama · 0:59
थैंक? यू सो? मच? मैं? फॉर, एप्रीशिएट, माई? स्वेल? आपने ठीक? कहा कि लोग हमेशा ट्राई करते हैं कि दूसरों को चीट करते रहें और सबके सामने अच्छा बने रहे। लेकिन कहीं न कहीं हम जानते हैं कि हम कहाँ सही हैं और कहाँ गलत है? और जितना भी दिखावा है इस दुनिया में। वो हम लोगों के सामने तो कर सकते हैं लेकिन ईश्वर जानता है कि हम क्या सही कर रहे हैं? और क्या गलत कर रहे हैं? वंस अगेन? बहुत बहुत धन्यवाद। आपका थैंक यू मैं।