@Vibes_11
Adiba
@Vibes_11 · 4:12

Doori bhi hai zaroori

article image placeholderUploaded by @Vibes_11
तो जब भी आप जितना भी रहेंगे न? आपको उस चीज की अहमियत नहीं पता चलती है? लेकिन जैसे ही वो इंसान दूर चला जाए? या फिर आपसे अलग हो जाए? तो आपको बहुत फर्क पड़ना शुरू हो जाता है। ये फर्क कब तक और कितने दिन रहता है? ये बहुत बड़ी बात होती है। क्योंकि देखो कहते है न कि हम अपने घर में कुत्ता भी पाल ले? तो उससे भी हम अटैचमेंट हो जाता है। तो वो अटैचमेंट 1 अलग बात होती है? जो शायद आप किसी से भी अलग हो गए न? तो 24 दिन 1 हफ्ते 10 दिन लगेगा ही वो उस चीज के साथ कवर हो जाता है?

Kuch rishton ka namak doori hoti hai

@challasrigouri
Challa Sri Gouri
@challasrigouri · 1:46
कभी उस समय हमें सोच समझ कर फैसला लेना पड़ेगा। कभी कभी ऐसा हो जाता है कि हम अपनी सिचुएशन को रोंगली इंटरप्रेट करने की वजह से दूरियों से डरते हैं। और उस दूरियों से डरने की वजह हम उस दूरियों से भागने की कोशिश करते हैं। और जिसकी वजह से हम वहीं पर अटक जाते हैं। और आगे नहीं जा सकते या पीछे नहीं मुड़ सकते। तो इस सिचुएशन में हमें कड़ा कड़ा? होना पड़ेगा? तो मुझे मैं भी इस बात से सहमत हो कि कभी कभी दूरियां अपने आप की ताकत पहचाने में हमारी मदद कर सकती है।
@Vibes_11
Adiba
@Vibes_11 · 0:07

@challasrigouri

thank you? so much for sharing? your valuable torts i really respect to torts feedback? is? well? thaंkयoू? सो मuचh?
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