ह**ो वर्स आज 1 कविता आपको सुनाने जा रही हूँ जिसका टॉपिक है मोक्श जिसको इंग्लिश में सैलुशन कहते हैं तो आशा है आपको पसंद आएगी मोक्ष किसी को अच्छी सीख देकर उसका जीवन समार देना क्या ये मोक्ष नहीं किसी को अच्छी सीख देकर उसका जीवन समार देना क्या ये मोक्ष नहीं जान अपनी देकर औरों को बचा लेना ये मोक्ष नहीं तो और क्या है जान अपनी देकर औरों को बचा लेना यह मोक्ष नहीं तो और क्या है मोक्ष मोक्ष मोक्ष आखिर क्या है मोक्ष की परिभाषा आखिर क्या है मोक्ष की परिभाषा मोक्ष की कोई परिभाषा नहीं अपने हिस्से का सुख दूसरे को दे देना यही है मोक्ष अपने हिस्से का सुख दूसरे को दे देना यही है मोक्ष ढेरों दुःख समेटे भीतर अपने फिर भी मुस्कान बांटता है बाहर ढेरों दुख समेटे कोई भीतर अपने फिर भी मुस्कान बांटता है बाहर क्या मोक्ष का अधिकारी नहीं क्या वह मोक्ष का अधिकारी नहीं अपने घाव छिपाकर औरों की मरहम करने वाला क्या मोक सु न पाएगा अपने घाव छिपाकर औरों की मरहम पट्टी करने वाला क्या मोक्ष न पाएगा दिन रात खट कर 1 मेहनत कश अपना पेट काट कर गैरों की भूख मिटाने वाला दिन रात हट कर 1 मेहनत कश अपना पेट काट कर गैरों की भूख मिटाने वाला क्या मोक्ष पाने से चूक जाएगा मोक्ष मोक्ष मोक्ष है क्या ये मोक्ष देना त्याग, सहजता और पवित्रता देना त्याग सहजता और पवित्रता भीतर की यही दशा है मोक्ष का प्रयाय भीतर की यही दशा है मोक्ष का प्रयाय मोक्ष मंदिर मस्जिद चर्च गुरुद्वारा जाने से ही नहीं, अपने मन मंदिर के भीतर प्रवेश से मिलेगा मोक्ष मंदिर मस्जिद चर्च गुरुद्वारा जाने से ही नहीं, अपने मन मंदिर के भीतर प्रवेश से ही मिलेगा मन की तृप्ति करुणा सजगता सहजता ही खोल देते हैं मन के भीतर के सब द्वार और मन पा जाता है मोक्ष मन की तृप्ति करुणा सजगता सहजता ही खोल देते हैं मन के भीतर के सब द्वार और मन पा जाता है मोक्ष बस यही है, यही है यही तो है मोक्ष की परिभाषा जब जान अपनी देकर अपने देश को बचा लेता है कोई वीर सपूत जब जान अपनी देकर अपने देश को बचा लेता है कोई वीर सपूत वही है वही तो है जो पा जाता है चिर मोष वही है वही तो है जो पा जाता है चिर मोक्ष किसी को अच्छी सीख देकर उसका जीवन संवार देना क्या ये मोक्ष नहीं यही तो है यही तो है यही तो है सच्चा मोक्ष थैंक यू।
बहुत खूबसूरत पार्टी मैम और आपने मोक्स को बहुत खूबसूरत तरीके से डिफाइन किया है और मैं क्या करूँ हम सब भगवान को ढूंढते हैं लेकिन कोई इंसान को ढूंढना नहीं चाहता और जिस दिन तुम अपने अन्दर इंसान को पाओगे उस दिन तुम मोक्ष को प्राप्त कर लोगे। जिस दिन तुम अपने अंदर करुणा को जागृत करोगे उस दिन तुम अपने मोक्ष को प्राप्त कर जाओगे। जिस दिन तुम अपने अंदर उस धैर्य को पाओगे जिस दायरे के साथ तुम सच्चाई के लिए, अच्छाई के लिए और जो सही है उसके लिए खड़े हो जाओगे। उस दिन तुम मोक्ष को प्राप्त कर जाओगे।
veena ahuja
@veenaahuja · 1:36
थैंक्यू मीरा गोपाल आपने इस कविता को बहुत गहराई से पढ़ा है और समझा है पूरा का पूरा जो भाव मेरे भीतर थे वो पूरे पूरे आपने समझे है तो मुझे इस बात की बहुत खुशी है इसको आपने पूरी तरह से डिस्क्राइब भी किया है और बिल्कुल ठीक बोला है आपने के जितने जितने हम पॉजिटिव होते चले जाएंगे न तो मोक्ष क्या है मरने के बाद ही तो नहीं जरूरी की मोक्ष है जीते जी मोक्ष के अधिकारी हम हो सकते हैं इस पी आर पॉजिटिव पूरी तरह से अगर हम पॉजिटिव हैं अपनी थॉट्स में और दूसरों के साथ वैसा ही हमारा बिहेवियर है हम सबको साथ लेकर चल रहे हैं और सबके भले का भी सोच रहे हैं तो ये जब सब फील*** हमारे भीतर आती चली जाएगी न तो जीते जी हम मोक्ष के अधिकारी हैं मोक्ष जो की बहुत ही हिंदू कल्चर में हिंदू फिलोसॉफी में बहुत ऊंची दशा बताई गई है मोक्ष तो वो हम जीते जी पा सकते हैं तो आपने बिल्कुल अच्छे से उसको समझा है तो मुझे बहुत खुशी हुई 1 भी अगर कोई समझ जाता है आपकी थॉट्स को तो आपको बहुत अच्छा लगता है थैंक यू वेरी मच मीरा गोपाल।