भीतर से मैं गाँव, प्रीत के गीत, बजा संगीत मधुर धुन बन। भीतर से सुक** की चादर तानी हमने अब आंधी और तूफानों में सुक** की चादर तानी हमने अब आंधी और तूफानों में। जो भी हो, बेशक होता ही रहे न मुके। मेरी मुस्कान, यही मेरी शान। बना है जीवन का ये गान। मेरा स्वाभिमान। जो भी हो, बेशक होता ही रहे न मुके। मेरी मुस्कान, यही मेरी शान बना है जीवन का ये गान। मेरा स्वाभिमान। खुशियों की तलाश में। करती हूँ जंगल जंगल सहरा सहरा खुशियों की तलाश में करती हूँ जंगल जंगल सहरा सहरा।