vani singhal
@vaanisinghal · 3:21
Sometimes it's a different feeling....
हम न? लाइफ को 1 बहुत अलग परस्पेक्टिव 1 बहुत निगेटिव परस्पेक्टिव से देखना शुरू कर देते हैं। ब*? हमें ये चीज? ये चीज? याद रखनी? पड़ती है? कि उसने सिर्फ हमें याद दिलाया था। अब अगर हमें उसके जाने के बाद फिर से भूल जाना है? तो वो हमारी गलती है? बल्कि? हमें? न। उस इंसान के बिना भी। उससे अच्छा एकदम अच्छा जी के दिखाना है? ताकि वो भी सोचे? कि यार? मैंने? तो सिर्फ? इसे याद दिलाया था। और इसको इतना अच्छा याद आ गया कि अब यह मेरे बिना भी अच्छे से जी रहा है। हो सकता है?
Disha Agarwal
@disha_aga05 · 1:39
जब किसी खूबसूरत से लम्हे के साथ खत्म? और फिर उस दुख के साथ। जब हम चलना शुरू करते हैं तो हमें हर तरफ सिर्फ तकलीफें दर्द आंसू ही दिखाई देते हैं। और फिर यह दुख हमारे साथ वहां एडमिट वेंचर बन जाता है? so we need to happily bid, fever? to the s face? and set off? for a new begning? for a new journey? to meet new people? to know more? stories, experience? life? from a new side, each apter? in the book of life? helps you to no your self? better?
अच्छा हो गया मेरे साथ। आज। मेरे साथ? कुछ बुरा? हो गया? ऐसा कुछ। नही? तो हर चीज। हमें कुछ न कुछ। सिखाती? है? नथिंग? इज टू? बार? नथिंग? टू? गुड? सो? आपने। बहुत अच्छी चीज। बताई है? कि उनके बिना? जीना? उनसे, बेहतर? जिला। हमें सीखना चाहिए? तो? ऐक्चवली? मैंने भी। अपनी जिंदगी में कुछ ऐसा एक्सपीरियंस किया? किसी के जाने के बाद। जो अधूरापन हो गया था, ऐसे जैसे। सब कुछ।