@urmi
Urmila Verma
@urmi · 2:20

पावस ऋतु

article image placeholderUploaded by @urmi
ऊंची डाली पर, नववधुओं। ने डाला झूला। ऊंची डाली पर? नव। वधुओं। ने? डाला झूला। हाथों में। मेहंदी रचाकर। ये तीज त्यौहार। मनाए। हाथों में। मेहंदी रचाकर, यह 30 त्यौहार। मनाएं। लहरिया में। सजी? धजी, यह यूं ही। शर्मा। जाए, लहरिया में। सजी धजी, यह यू ही शर्मा? जाए, धन्यवाद। वर्षा ऋतु। आ गई है। रिमझिम। बरसात? चारों तरफ? है। तो उसी से प्रेरित होकर। यह कविता लिखी है।

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@voicequeen
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:00
नमस्कार? मैं। मैलातितीशर्मा। आपने। बहुत अच्छी कब। उसमें वर्षा को बहुत अच्छे से किया गया है। चारों हरियाली होती है। बारिश होती है की सावन के महीने में। सावन झूला आनंद लिया जाता है खाद की भारत के कुछ इलाकों में। हरियाली की भी मनाया जाता है। अपने सही का है। सी टू के जन का होता है। और धरती हरियाली से सिंगार कर के ला होती है। और हरियाली का ज्यादा होता है। और बहुत ही प्यारा दृश्य सुहाना होता है। ठंडी ठंडी हवा चलती है। मन प्रकरी हो जाता है। धन्यवाद। कभी लिखते रहिये? गाँव। हम सब को।
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