@urmi
Urmila Verma
@urmi · 2:23

राधा-कृष्ण का विहार

article image placeholderUploaded by @urmi
मैं उर्मिला वर्मा अपनी रचना प्रस्तुत कर रही हूं। जिसका शीर्षक है राधा कृष्ण का विहार। हिंडोला। डाला है। कदम की डाल। हिंडोला? डाला है। कदंब की डाल। झूल रहे राधा संघ। गिरधर। लाल झूल रहे। राधा संग। गिरधर। लाल। मोर पंख से सजा मुकुट है। मोर पंख से सजा मुकुट है। तं पर शोभित पीतांबर है। तन पर शोभित पीतांबर है। वैजयंती माला कंठ सुशोभित? वैजंती माला? कंठ। सुशोभित? कृष्ण की छवि। बड़ी ही।

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@jayasharma
Jaya Sharma
@jayasharma · 0:41
ह**ो? उर्मिला जी। राधे राधे। आपने बहुत ही अच्छी रचना सुनाई। आपने। राधा कृष्ण के अनुपम सौंदर्य का। और उनके रास विहार का जो अनुपम वर्णन किया वह बहुत ही हृदय को प्रमुदित करने वाला था। और आपकी यह रचना सुनकर। मैं बहुत मुग्ध हो गयी। राधा कृष्ण की छवि आंखों के सामने आने लगी। और मैं जैसे उनका अपलक निहार रही हूँ। बहुत ही सुंदर वर्णन किया। आपने। आपको। बहुत बहुत आभार। बहुत साधुवाद। धन्यवाद।
@SPane23
Jyotsana Rupam
@SPane23 · 1:07
नमस्ते? उमिला। मैम। आपने। जो राधा कृष्ण की जो बिहार का वर्णन किया है। अनुपम वर्णन है। अथा प्रेम का वर्णन है। राधा प्रेम, राधा और कृष्ण के प्रेम की वर्णन आपने की है। साथ में राधा के वर्णन और कृष्ण के समान दारी की जो आपने वर्णन की है। बहुत ही खूबसूरती से आपने किया है। आपकी। कविता। बहुत ही मनमोहक है। सुन मन आनंदित हो जाता है। ऐसा लगता है जैसे राधे राधे कृष्ण की जो ये छवि है। वो आंखों के सामने आ गई है। कि सर पे तन पर, पिता, बर।
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