दिल में जो बातें हैं बताई नहीं जाती जख्म अगर अपनों से मिला हो तो गैरू को सुनाई नहीं जाती मरहम का जमाना तो कब का गया दोस्तों अब अगर वो मिले तो कहना उनसे मेरे जख्मों की कोई दवाई नहीं आती और हकीकत का किस्सा है और हकीकत का किस्सा है ये जो सदियों से चला आया है बिछड़ने वाले यूं ही बिछड़ जाते हैं उनकी कोई मुहूर्त या विदाई नहीं आती, विदाई नहीं आती थैंक यू।