से मैं 11 पोयम लेके आऊंगा? क्योंकि हिमांशी ने 1 मैटर स्टार्ट किया है ईस्ट और वेस्ट का? जिसमें उन्होंने मेंटल हेल्थ की बात कही है। तो द डेविल। सोर्स में। मेरी जो आखिरी पोयम है, आखिरी है उसमें। मैंने थोड़ा सा हट के। मैंने उस चीज को बड़े लाइटली तो नहीं? खाऊँगा? बट? कोशिश? की है? एड्रेस करने के लिए। तो मिलते हैं कल? अगले? स्वेल में। अभी आप लोगों के काफी नाइट्स आए हैं? मैं बस साढे 11 होने वाले हैं?
हाय? आदश। आप यह सेल बहुत अच्छा लगा। और जिस तरह आप 1 इशू को लेके अपने मन की बात 1 शायरी के रूप में प्रस्तुत किया है। मुझे बहुत अच्छा लगा। और मैं भी यह मानती हूं कि अगर हम दिल से कुछ करना चाहे तो रास्ते अपने आप खुल जाते हैं। अगर हमें करने का मन नहीं हो तो रास्ते दिखाई देने पर भी हम काम कंप्लीट नहीं करते? और जब आप दिल्ली की बात कर रहे थे। मुझे अपनी पुरानी यादें याद आ गए थे? क्योंकि मैं जब बीटेक थर्ड ियर में थी। मतलब 2 साल।
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 4:28
बात तो सही है। और यह सब बात। इन सब चीजों में। अपना आचार। व्यवहार आचार, विचार? व्यवहार, बदलने की। हमको जरूरत है। हमको भी जरूरत है। और हमारे। हम। जिन लोगों को चुनते हैं उन लोगों को भी जरूरत है। तो खैर? बस? यही था। और आपने। बहुत अच्छी? छोटी सी ही। पर सही। पर। बहुत ही अपने बेहतरीन। बढिया। कविता लिखी है। तो थैंक यू आदर्श। आ विल सी उड? थैंक यू।
Swell Team
@Swell · 0:15
नमस्कार आज सर जय माताजी। आपने कहा था सौरी ने बोला लेकिन इस बार बोलना पड़ जाएगा सर सो सौरी ये आपका। स्वेल काफी पहले का था। लेकिन मैं ध्यान में से हट गया। जो मैंने टाइटल। सुना। स्मोग। मुझे। बहुत ही रेलेवेंट है। आपने बिल्कुल सही कहा लोग तो कहते हैं कि दिल्ली की दिल्ली के पलूशन में। अब तो हम सबके अंदर इतना कार्बन है कि हम डायमन्ड मैनुफेक्चर कर सकते हैं