Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 4:13
"मेरी उलझनों की कब्र" | "कब्र से एक आवाज़ आई।"
जिसे कहते हैं। न? सिकुड़। सी सिकुड़ के रह गई। और बातें बस? मन में ही दम तोड़ गए। तो? ध्यान दीजियेगा? शिक्षक है? मेरी उलझनों की। कब्र। कब्र में से 1 आवाज आई। तेरे जाने के बाद। मेरी तन्हाई। मुझसे मिलने को आई? कब्र में से 1 आवाज आई? तेरे जाने के बाद। मेरी तनहाई मुझसे मिलने को आई? वो बोली? वो बोली? वक्त तो बहुत था पर शायद जीवन कम था। अब हर पल को याद कर लेता हूँ। अब हर पल को याद कर लेता हूँ।
तोड़े से फिर ना? जुड़े? जुड़े गाट। पढ़ी जाए? तो यही कह सकती हूं कि आपने बिल्कुल? सही कहा? और ऐसे लिखते? रहिये? सुनाते रहिये। और मैं? आपसे। 1 सवाल भी पूछना चाह रही थी? सिर? अगर? इजाजत हो तो? कि? आप? जो? ये सारी पोयम्स और स्टोरीज लिखते हैं? तो आप भी किसी डायरी में लिखते हैं? या फिर स्पॉनटेनियस ली की अच्छा आज मैं विषय पर पोएम बोलूंगा? तो बस। फिर आप सीधा बोल बोल देते हैं? सीधे स्वेल पे डाल देते हैं?
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 4:07
तो किसी को पता ही नहीं चला कि वो नहीं रहे। और उस बात का मेरी फ्रेंड को बहुत दुख है। क्योंकि उन जनाब के जाने के पहले। काफी बार ऐसा हुआ कि उन्होंने उसे कॉल किया? मैसेज किया? मिलने का? पर। वो काम के व्यस्तता के चलते? मिल नहीं पाई। और उसको उसी का बहुत कम है। बहुत गिल्ट है कि जाते जाने से पहले। उनके जाने से पहले। वो मिल नहीं पाई। और बहुत अच्छे। बहुत क्लोज? फ्रेंड? सर्कल। का। उसके परसन था? तो उसके एक्सपीरियंस से।
हाई? आदश? आपकी ये स्वेल उल्जन की खबर? जब मैं आपकी ये स्वेल सुन रही थी। न? मुझे अपने मन की उलझने याद आ रहे थे। और साथ साथ जब हम कई मुश्किलों से गुजर रहे होते हैं। जब हमारे मन उलझनों की वजह से इतना परेशान हो जाती। न? तब हमें कुछ भी समझ में नहीं आता। और यह भी पता नहीं चलता है कि किसके साथ हम ये शेयर कर सकते हैं? किसके साथ? नहीं? क्या? किसी को ये बता सकते हैं? या नहीं? हम हर 1 पर शक करने लगते हैं। अपने मन की बात किसी से भी शेयर करने के लिए।
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 3:50
तो बस यही कहूँगा? जो मन में है? बयां? कर। 2 फिर दोबारा? मौका? नहीं? मिलेगा? वो पल लौट के आता नहीं? तो जो पल लौट के आता? नहीं? वो दुबारा आप बना? नहीं सकते। फिर उसपे आप बस? गुरबत में पड़े रहेंगे? और अपने को कोसते रहेंगे? कोने में जा कर सकते रहेंगे? तो बस अपनी बातों को व्यक्त करना सीखिए। बहुत लेट सीखा। मैंने बट? कोई नहीं कहते। न? अंधेरा? दुरुस्त? फली मानसी?
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 1:28
आप लोग जो रिप्लाई करते हैं उससे मुझे बहुत साहस, बहुत उत्सुकता और कॉन्फिडेंस मिलता है। और उसी कॉलेज और कॉन्फिडेंस के साथ मैं आपके बीच अपनी कुछ सोच को, अपनी भावनाओं को, मेरी ऑब्जर्वेशन्स को कुछ शब्दों में पिरो के बस आप लोगों के बीच लाना चाहता हूं और और और बड़े सेक्शन तक रीज करना चाहता हूं। तो आप लोगों का 1 लाइक, 11 रीस्वेलयाआप। लोगों का रिप्लाई बहुत मायने रखता है। मेरी इस जर्नी में। तो इस जर्नी में मेरा साथ देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। जय मादी।
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 3:16
आई गोदाम आपने 1 सवाल पूछा था कि मैं ये क्या मेरे पास डायरी है? या मेरे बस में? बस ऐसे ही स्वेल पे पोस्ट कर देता हूँ नहीं मेरे पास 1 डायरी है और 1 नहीं? काफी डायरी है मेरे पास जो मैं काफी समय से लिखते रहता हूँ ना मेरे ख्याल से एट नाइन से मैंने लिखना शुरू किया था किसी ने मुझे डायरी दे दी तो मुझे इंग पेन से लिखने का बहुत शौक था अब इंग पन तो उतने रहते नहीं बट 11 जेल पैन रखता हूँ 10 रुपए का ग्लास जेल है फ्लेर का?