Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 1:14
Life Between Truth and Lies
आपके बीच में। मैं शेयर करना चाहता हूँ। सबने बचपन से झूठ बोलना? सिखलाया। सबने बचपन से झूठ बोलना सिखलाया। और फिर मुझको ही झूठा बदलाया। सबने बचपन से झूठ बोलना सिखलाया? और फिर मुझको ही झूठा बदलाया। अब तो खुद की बातों में। अब तो खुद की बातों में उलझ सजाता हूँ। क्या सच है? और क्या झूठ? इसमें? कुछ को? सजाता? हूँ? थैंक? यू सो? मच धन्यवाद।
Aditi Kapoor
@MyCuratedTales · 0:59
हाई? आदर्श। मुझे आपकी कुछ पंक्तियां? बहुत अच्छी लगी? और सच मानिए। जब मैं सुन रही थी तो शायद मैं भी अपने बचपन के समय में चली गई। और आपने एकदम सही कहा कि हम बचपन में कुछ आइडल्स बना लेते हैं और उन्हीं को फॉलो करते हैं। पर बचपन ऐसा ही दौर होता है जहां किसी चीज की समझ नहीं होती। बस जो कोई कुछ कर रहा है अच्छा लगता है तो कर लेते हैं? कर लेते थे? और नहीं? अच्छा लगता था तो नहीं करते थे? पर जैसे जैसे समझ आने लगी दौर बदलने लगा। लोग बदल गए। कुछ साथ चले? कुछ पीछे छूट गए।
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 0:35
थैंक यू सो। मच देती जानकर। अच्छा लगा कि आपको मेरी पंक्तियां जो छोटी सी कविता थी वो बचपन में आपको ले गए। ये ये बात अक्सर है कि हम आइडिल्ज बना लेते हैं। और वो आइडल्स अपनी जगह से कभी न कभी गिरते हैं। और बहुत अच्छा लगा। मुझे आपको यह जानकर कि आपको ये पसंद आया और आप आगे भी। मेरे स्वेल। सुनना। चाहेंगे। सो। थैंक यू सो मच। you have a great? दे एंड डू फॉलो मी? थैंक यू सो मच।
सब भी अपने बच्चों का बड़ा चढ़ा कर रिजल्ट बोलते थे मैं नहीं जानती। सिर। अभी भी इतने साल हो गए हैं की क्या उनके वाकई इतने मारक 7 नहीं बट मुझे लगता था कि क्यों झूठ बोलना है जैसे मुझे किताबें पढ़ने का इतना शौक नहीं है। मैं तो बचपन में कॉमिक्स से ज्यादा पढ़ती थी चंपक और नन्दन या। मैगजीन पड़ती थी। तो कहा जाता था कि बोला है कि तुम्हे भी किताबें पढ़ना पसंद है तो हमारे आइडियल है जो हमारे माता पिता। वहीं हमें क्यों बोलते है कि हमें झूठ बोलना है
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 2:53
अगर कुछ बहुत पैरेंट हैं तो आल कनफ्रंट कनफ्रंट आई डोंट हैजिडेटॉम कॉनफ्रेंटिंग बट then this is one thing that i ve always struggle with that you know whether somebody is lying to me or water somebody s ring trudfultomets extremely difficult particularly the people new people that to meet and because i understand that people want to be percivedinaserten way and they would go to any lens फॉर
preethy uthup
@peeli · 2:54
understand the context to i feel that s ok but they would have in a context on why the said that which i dont understand as a kid so when i grow up i cin understod that you know it was not really a li it was a tooth but it was said in a different format assage
Satish Verma
@Adhoora · 0:20
मुझे आपकी कविता बहुत पसंद आई और आपकी कविता सुनकर। मुझे ऐसा लगा कि आपने बचपन से, बचपन से जवानी तक का जो सफर होता है। आपने अपनी कविता के माध्यम से इन सबको इन पंक्तियों में आपने समेट लिया। बहुत बहुत धन्यवाद। आपका।
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 1:37
तो झूठ रहता है बट आपके अंतर मन में। वो झूठ सत्य होता है और आप कहीं न कहीं अपने de in side you have got an as ali and you start living atrotllionthe foundation of ali and that becomes damaging to each and every one that is राउंडेड बाई you ठीक है ये 1 नासेसिस्टकीएक पद्धति होती है और ये 1 फीचर होता है। हमें बहुत कैरफुल रहना चाहिए
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 4:40
या जो भी इधर उधर। मेरा फासला बढ़ता रहा। और मैं बस अपनी किताबों में या तो कोर्स बुक में या मुंशी प्रेम जन जी किसी न किसी किताबों में में चले जाता था या चाल स्टिक टालिया जॉन की थुटालतोफिरमैने थोड़ा थोड़ा किया। मैंने जैनिजम पढ़ा रिगवेद। और ये सब। थोड़ा बहुत पढ़ने लगा ऐसा तो नहीं कहूँगा सारा बड़ा बट नंदलेसशरापेचलता रहो मैंने कहा कि चलो अगर ऐसा ही सही कि दुनिया मुखोटा पहनती है तो हम भी पहन लेंगे सबसे झूठ बोल देंगे
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 1:37
तो आप सत्य से बहुत दूर तो नहीं होते सत्य वही होता है आपके समक्ष आपके सामने खड़ा होता है स्राइटइनफ्रंटऑफ्यू जस्ट your clouded with so much of lis around you and that is being you know self to you in eriusformsyouknw sweet forms in a desert form and what not that that that you can not see it