किसी का। प्यार। किसी से जुड़ा हुआ है? या फिर उसको मिल नहीं पाया है? और उसकी याद। उसे अक्सर सताती है? हमेशा आती है? और कभी उसे? बेबस? कभी लाचार? या खुश? या हंसी? या आंसू। छोड़ के जाती है? तो ध्यान दीजिएगा? गौर? फरमाइएगा? चांद को देखा? तो तेरी याद आ गई। चांद को देखा? तो तेरी याद आ गई। तारों को देखा? तो तेरे चेहरे की रोशनी याद आ गई? तारों को देखा?
हाय? आदश सच में तू याद ही थी? ये स्वर मुझे बहुत अच्छा लगा। और कभी कभी जब हम अपने जिसे अपना समझते हैं और अपने जो अपने होते हैं हमसे दूर चले जाते हैं उसे कोने की दुख, उसे को न देखने की जो पीड़ा होती है वो दिल को ऐसा कर देती है कि हम एकदम कमजोर बन जाते हैं। और मैं हर पल यह मानती हूं कि हमारी लेख राइटिंग जो भी है पोएम्स या शायरी जो भी है वो 1 ऐसी चीज है जो हमें अपने दुख से बाहर खींच लाती है और साथ साथ हमारे आसपास जो भी है उसे भी मोटिवेट करने की ताकत देती है।