Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 6:15
"उलझनों की उलझन"
पड़ेगा उलझे हुए वक्त में भी खुद को ढूंढना पड़ेगा नहीं तो वक्त के पन्ने पर कहीं कोने में लिखी होगी मेरी कहानी वक्त के पन्ने पर कहीं किसी कोने पे लिखी होगी मेरी उलझनों की कहानी यही है मेरी उलझनों की उलझन मेरी उलझनों उलझन। आशा करता हूँ। दोस्तों। आपको पसंद आई होगी और आपको 1 चीज बता दूं आखिरी में और बीच में थोड़ा सा
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 3:55
आय। आदश। बहुत बहुत शुक्रिया। आपका। मुझे अपने स्फल में आमंत्रित करने के लिए। बहुत सुंदर कविता लिखी है। आपने। और मुझे। ऐसा लग रहा था कि अगर लाइफ को परसोनीफाई कर सकते तो लाइफ को खुद के सामने खड़े कर। मैं यही क्वेशन प पूछती जो आपने पूछा कि क्यों गंगरमेंभीकांटे हैं और अब 1 बार नहीं होता तेरे बताए रास्तों पर ये कितनी ज्यादा सच बातें लगी मुझे बड़ी रेजनेंट मेरे साथ। तो। और बहुत खूबसूरती से। आपने।
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:40
अगर जीवन में उलझने न हों तो जीवन बहुत ही नीरस हो जाएगा। बोरिंग हो जाएगा तो उलझनें आती रहेंगी, हम सुलझाते रहेंगे और जीवन ऐसे ही चलता रहेगा। बिना उलझनों के जीवन का कोई मायना ही नहीं रहता। to fikr not उलझनों के साथ खेलते रहे। the bound to bring you happiness indian thank you so much for this tot proces and have a lovely day baby।