उस प्रोफेशन में जो सबसे परफाउडचीज मुझे मिली है वो है कि दूसरों की कहानियां। और मुझे यही लगता रहता था कि मैं यह क्यों कर रहा हूँ? वो किस लिए? कर रहा हूँ? और क्या कर रहा हूँ? और शायद से उस प्रोफेशन ने कहीं न कहीं वो चीजें बनी हैं? हुई? और में स्वेल आया। और जब मैंने कैंडी की? जो उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस के लिए जो भी पोस्ट किया था। और अपनी मां के बारे में जो उन्होंने कहा था उससे मुझे काफी प्रेरणा। मिली साहस में। रा काफी क्लारिटी आई है। काफी चीजों को लगा कि हम हमें लगता है कि हमारी तकलीफें हमारे दुखदर्द कितने हैं?
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 5:00
उतना ही सुन पा रहे हैं। जितना सोच पा रहे हैं उतना ही सोच पा रहे हैं हो सकता है इससे चीजें बहुत व्याप्त हों बहुत एक्सपैंडेड हों हमारी अंडरस्टैंडिंग के। परे हो तो पर। वह है कि हम सभी अपने अपने तरीके से खूब मंडूक हैं किसी न किसी तरीके से। और बस अपनी ही दुनिया में उलझे रहते हैं। पर अपने आई थिंक एकदम आपने जो मेरे स्वेल। पर जो बात कही कि समटाइम्स गुड तो नॉट हैव आंसर आई थिंक
Gunjan Joshi
@Bibliophile · 4:59
जिस दौर से गुजर रही हैं उनकी मां जो हैं वो अभी हॉस्पिटल से आई हैं? 1 सर्जरी करके और बहुत ही डिफिकल्ट। वो सर्जरी थी। तो मुझे लगता है कि अगर आपका मां या बाप हॉस्पिटल में होता है। और किसी क्रिटिकल इलनेस का शिकार होता है? तो जिंदगी के कई कटू सत्य आपके सामने आ जाते हैं। यह बहुत ही हंबलिंग एक्सपीरेंस होता है। और मैंने भी। ये चीज। मैं भी इस दौर से गुजरी हूँ। जब मेरे फादर जो है वो एडमिट थे हॉस्पिटल में। और उनका निधन हुआ।
हम कितनी इमोशनल है? क्या है? हमें सब दूसरों से इंटरेक्ट करने से ही पता चलता है। मुझे भी लगता है। स्व 1 ऐसी कम्युनिटी है जहां मुझे आप जैसे बहुत सारे लोगों से इंटरेक्शन मिली। और सब लोगों की जो विचार है उससे परिचित हो गई हैं। और साथ ही साथ मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला और अपने विचार भी व्यक्त करने की जो ओपोर्चुनिटी मिल रही है। मुझ में। बहुत थैंकफुल हूं उसके लिए। और साथ ही साथ इतनी अच्छी अच्छी बातें हमारे सामने प्रस्तुत करने के लिए।