Sabi Sharma
@swenzaa67 · 2:01
Rone ka hak to sab ko hai
आंसू तो सबकी आँखों में है? माना किसी की आँखें सख्त हैं? पर कोमल भी। कई लोगों की है। अगर तुम रो पड़े कोई थोड़ी सी बात पे तो घबराना मत? रोने का हक तो सबको है। तुम खुद को अकेला न समझना, बस दिल हल्का कर फिर से उठना। तुमने। तो ये ताकत है आंसू से अपने सारे गमों को बहा देना। दर्द सबको होता है। माना तुम्हें कुछ ज्यादा होता है पर ये कोई कमजोरी नहीं।
Hema Sinha
@HemaSinha1978 · 1:05
नमस्कार? साबीम। मैं हेमा सिन्हा? बोल रही। हूं। स्वेल। पर। आपकी कविता सुनी। आपने जो कविता सुनाई है। रोने का। हक के बारे में। बहुत सुंदर। कविता सुनाई है। आपने। बहुत अच्छा बताया है। और सही है कि आंसू से में यही मैं भी। यही कहूंगी। आंसू ऐसे हैं? कि जो हमारी खुशी भी बयां करते हैं। हमारा दुख भी बया करते हैं। और दिल हल्का कर देते हैं। हमारा हम आंसू से सब कुछ बया कर सकते हैं। आंसू छिपने नहीं देते? कुछ भी।
मेरी इस कविता के तहत दिल से आपका शुक्रिया दा करती हूं। और मेरे स्वेल को भी रिप्लाई करने के लिए। थैंक्यू सो। मच ऐसे ही लिखते रहिये। हमें सुनाते रहिये। आपको। बहुत कामयाबी मिले। थैंक यू। थैंक यू सो। मच। आपको। बहुत बहुत शुभकामनाएं। और मैं आपके अगले स्वेल का इंतजार करूंगी।
Sabi Sharma
@swenzaa67 · 0:57
तो मुझे ऐसा लगता है कि रोने से दिल हल्का होता है। और वो चीज हमारे पास है। कुछ लोग होते हैं? जिनको रोना नहीं आता। अपनी तकलीफें बस दिल में रखते है। वो अलग ही दर्द में होते हैं। हम लोगों के पास क्या है कि हम रो कर अपना दर्द को, अपनी फीलिंग्स को बाहर निकाल देते हैं। तो बस? इतना ही कहना चाहूंगी? और आपका धन्यवाद। आपने अपना पॉइंटर व्यू रखा। मेरा कविता सुनी। मुझे बहुत अच्छा लगा। थैंक यू सो। मच मैं।
आई? मुझे आपकी। शीर्षक। बहुत अच्छा लगा। रोने का हक तो सबको है। यह सच है। कभी? हरे की सोच? और हरे की स्वभाव अलग अलग होता है। कुछ लोग छोटी सी छोटी बातों में रोने लग जाते हैं। कुछ लोग बड़ी बड़ी बातों को भी बहुत आसानी से ले लेते हैं। पर हम उसके आधार पर किसी को कमजोर? या किसी को मजबूत डिसाइड नहीं कर सकते। इमोशनल जो होंगे उसे कमजोर। कहने का हक किसी को नहीं है। कभी कभी ऐसा हो जाता है कि लोग क्या सोचते हैं? लोग क्या कहते हैं? इस डर की वजह से।
Sabi Sharma
@swenzaa67 · 0:31
हेलो? मैं? थैंक यू सो। मच। आपने ये स्वेल सुना और अपना पॉइंट व्यू दिया। जैसा कि आपने कहा कि कभी कभी हम डर से लोग क्या सोचेंगे सोच के नहीं रोते? और अकेले बंद कमरे में जाकर रोते हैं। तो रोना कोई बुरी बात नहीं। बिल्कुल। सही कहा आपने और रोने का हक भी सभी को है। तो अगर दर्द है। तो आंसू के जरिए बहा देना चाहिए। कभी भी दिल में नहीं रखना चाहिए। वरना वो और भी गहरी चोट बन के दिल में रह जाता है। थैंक यू सो। मच men?
Pousali Das
@Pouz_Talk · 0:50
हाई सबीमैनगुडईवनिंग आपका। कविता। मुझे बहुत ही अच्छी लगी। आपने जो शीर्षक दिए है कि रोने का हक तो सबको है। हां एकदम सही कहा आपने और रोना एक्चुअली अच्छी है। हेल्थ के लिए क्यूंकि? कुछ? कुछ समय ऐसे होते है कि रोने से न दिल का जो तकलीफ होते है वो बहुत कम होते है। तो वो कहीं न कहीं पे अच्छी ही है। मुझे आपका यह टल पूरा स्वेल। बहुत ही अच्छी लगी। नेक्स्ट टाइम भी वेट करूंगी। कोई अच्छे? स्वेल के लिए? थैंक यू सो मच।
Sabi Sharma
@swenzaa67 · 0:41
हेलो? पौशाली? थैंक यू सो। मच। आपने मेरा स्वेल सुना और रिप्लाई करके बताया। बिल्कुल सही बोला। आपने कि रोने से दिल हल्का हो जाता है? मतलब जितना भी हमारा दर्द होता है? थोड़ा कम हो जाता है। और रोना अच्छी बात भी है। हेल्थ के लिए सही है? बिल्कुल? सही? बोला। आपने। रो देने से हमारे दिल में जो बोझ होता है वो भी कम हो जाता है। तो मेरे हिसाब से भी रोना गलत नहीं है। बल्कि अपने फीलिंग को अपने दर्द को बाहर लाने का 1 तरीका होता है। थैंक यू सो मच? मैन। आपने ये स्वेल सुना और आशा करुंगी। आप।
Sabi Sharma
@swenzaa67 · 0:56
फिलहाल है? बिल्कुल सही वर्ड कहा आपने? और ऐसा है कि अगर ये वर्ड को लाइफ में हर कोई यूज कर लिए समझ गए तो जैसा आपने कहा की नाइनटी नाइन परसेंट दुख तो ऐसे ही खत्म हो जाएंगे। हमें आगे बढ़ना सीखना चाहिए। और बहुत सही कहा आपने। और थैंक यू सो। मच आपने अपना पॉंटरव्यू रखा। मुझे बहुत अच्छा लगा। थैंक यू।
Uchi. Uchita Galaiya
@Feather · 0:31
Hello, Sabi. This is Feather. It was really nice and a very nice topic that you have chosen. I must say that it is very beautiful. And yes, Ronaka sabi. So, yeah, it's what I really like it. And see you in the next one. Till then, keep posting, keep listening and I'll keep replying. Thank you very much for posting this. Well and please ignore the background noises. I'm very sorry for that