Sabi Sharma
@swenzaa67 · 1:51
" ये रिश्ता नहीं बल्की एक नाज़ुक सा धागा है "
1 तरफ नफरत हो? तो यह डोर खींचा चला जाता है। यह रिश्ता नहीं बल्कि। नाजुक सा धागा है। प्यार से पीरो। तो इसमें प्रीत। ये लागा है। प्रेम की बौछार? होती है। पर निभाना दोनों को पड़ता है। ये रिश्ता है। मेरे। यार बहुत प्यार से बनाया जाता है। सब रिश्ते जुड़ते हैं। दोस्ती के नाम से। इसे हर वक्त संभालना होता है न? कि सिर्फ। अपने काम से। यह रिश्ता नहीं बल्कि नाजुक सा धागा है। प्यार से पिरो?
Avyagra Pratap Singh
@Avyagra · 0:41
हेलो? साहब। उम्मीद है आप। बहुत अच्छी होगी। अरे? अभी। आपका ये सेल्स बना जिसका सिर सिर्फ ये रिश्ता नहीं बल्कि। 1 नाजुक सा धागा है। बहुत अच्छी। कविता। पढ़ी है आपने। आपका। जो शब्दों का चयन होता है वो हमेशा ही बहुत अच्छा होता है। और उन शब्दों के चयन से जो वाक्य होते हैं वो बेहद ही शानदार हो जाते हैं। तो बहुत ही अच्छी लगी। आपकी कविता। और उम्मीद है कि ऐसी ही कविताएं सुनने को मिलती रहेंगी। आगे। बढ़ते। रहिये, बढ़िया बढ़िया लिखते रहिये। और हम लोगों को सुनाते रहिये।
Uchi. Uchita Galaiya
@Feather · 0:20
हाई? sabi? दिस is? फैदर? थैंक यू वेरी मच? फॉर? पोस्टिंग? दिस फिल आई रली लाइक। द टाइटल की ये रिश्ता नहीं। बल्कि 1। नाजुक। सा धागा है। और काफी अच्छा और काफी सुन्दर स्वेल है। थैंक यू वेरी मच। आपकी। आवाज भी काफी स्वीट है। और इसी तरह पोस्ट करते रहिये हम सुनते रहेंगे। थैंक यू।
Hema Sinha
@HemaSinha1978 · 1:29
बहुत सुंदर बोला। आपने। बहुत ही अच्छा लगा। आपकी। यह सवाल। मुझे। बहुत पसंद आई आगे भी आशा करुंगी। आप। ऐसे ही सुंदर आवाज़ में और सुंदर ढंग में। हमें सुनाती रहे। थैंक यू सो मच।