@swatinakshatra8
Swati Bhargava
@swatinakshatra8 · 2:16

जिंदगी भर यही सोचते रह गए हम

article image placeholderUploaded by @swatinakshatra8
यही जो सुनना था, आकर। खुद? सुना था वही। जिंदगी भर यही सोचते रहे गए हम। शायद। महर, वा हो, जिंदगी हम, पर। आशा है आप को? पसंद आए? तो रिप्लाई जरूर करिएगा कि यह कैसी लगी?

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@sadi
sadia 01
@sadi · 0:40
स्वाती। आपने। ये पोएट्री बहुत ही अच्छे से लिखी है। जिंदगी भर यही सोचते रह गए। हम। ये लाइंस भी बहुत ही अच्छी लिखी है। आपने। कभी कभी ऐसा होता है। जिंदगी में। हमें सब मिलता है। अनचाहे हमें सब मिलता है। लेकिन कुछ हत्या से हो जाती है। जो खामोश सी रहती हैं। जिसके पीछे ही मुहब्बत छिपी रहती है। लेकिन वो कह नहीं पाते हैं? मैं आशा करती हूँ कि आप ऐसे ही लिखते रहे। पटरी। और हमें सुनाते रहे कीप साइनिंग।
@voicequeen
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:01
thanks for the matting? men pati? गुड? इवनिंग। आपने। बहुत अच्छी कविता। लिखी है। दूसरे बहुत ही खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया है। जिंदगी भर। यही सोचते। रह गए हम। और दूसरों की खुशियों में ही। खुश होते रहे, रह गए। हम। जो सोचा था वो कभी मिला नहीं। हमें। फिर भी दूसरों की मुस्कान देख कर मुस्कराते रहे गए। हम। ये लाइनें। याद आती हैं? अगर जिंदगी में हमने रहने से सबकुछ जिंदगी में हमें मिल जाए। तो फिर जिंदगी जिंदगी कैसे? कहलाएगी? आपकी? कविता?
@avantika202
Avantika Rabgotra
@avantika202 · 1:17
नमस्कार सबको आशा करती हूँ कि सब बहुत ही स्वस्थ और ठीक होंगे। तो आज आपने ये जो कविता लिखी है जिंदगी भर यही सोचते रहेंगे। हम जिसके माध्यम से आपने जिंदगी में जो भी चीजें हम सोचते हैं या कोई भी कदम से ही यह गलत उठाते हैं उसके बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से आपने कविता के माध्यम में जो है दर्शाया है। तो आपने बहुत ही अच्छी कविता लिखी है। और मैं चाहती हूँ बाकी भी यह कविता सुने और जिंदगी भर से ही कदम पाने के लिए अच्छे विचार पैदा करें मन में दिमाग में। ताकि हम अपनी जिंदगी अच्छे से जी पाए।
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