Book Review :- Do It Today by Darius Foroux
ताकि हम पॉजिटिविटी में और ऊर्जावान रहें। व्यायाम से। और अपने काम पर फोकस कर पाएं। और अपने काम पर फोकस ज्यादा करें? समय पर? नहीं। कई बार ये होता है कि जल्दीबाजी के चक्कर में हमारा जो काम है वो खराब हो जाता है। और फिर हमारा मन उस काम को उस समय करने बिल्कुल नहीं करता है। फिर लगता है छोड़ो कल करेंगे? तो? फोकस? काम? के को मैनेज करने में? लगाएं। रुटीन। सिस्टम बनाएं। व्यक्तिगत प्रभावशीलता पर ध्यान दें। अपने ऊपर ध्यान दें। आप अपने समय को कैसे बिता रहे हैं?
Prabha Iyer
@PSPV · 4:37
पता नहीं क्या? सर्फ कर रहा है? यू? ट्यूब? देखो? तो? अच्छी? चीज आती है? तो उसमें थोड़ा? अन्नसेसरी? अनवॉन्टेड इरेलेवेंट चीज भी आती रहती है? तो हम इससे क्या कर सकते हैं? वी कैन? नोट? अवॉर्डेड पैरेंटल? लॉक? लगाव? कुछ भी लगाओ? तो ये ऐसे होता है? तो रही बात गूगल की तो मैं बहुत गूगल में बहुत डीप हो गई। बैक? टू? द? क**ेंट? डू? इट? टुडे? बिकाज? टुमोरो? इस नेवर? टुमोरो? इस नेवर बिलिफ? it is just?
थैंक यू प्रभा जी? आपने गूगल में डूब तो गई। पर आपने बिल्कुल? सही बात कही? जो आज के टाइम की बात है कि हम बहुत ही छोटे छोटे बच्चों को ईवन। जो कुछ मंथ के भी होते हैं। तो उनको हम कार्टून में और किसी तरह अपना टाइम बचाने के लिए। या जो भी कह कि इजी वे में हम लोग चलने लगे हैं। तो ज्यादा ईजी करने की वजह से बच्चों को कार्टून के लिए मोबाइल के सामने बैठा देते हैं। तो वो गैजिट कहीं न? कहीं हम छोटे से कुछ मंस के बच्चे के सामने अगर रख रहे हैं?