राधा कृष्ण संग खेलूंगी मैं तो होली
वैसे तो होली जा? चुकी है। पर मेरे मन के भाव थे। और मेरा मैंने 1 कविता लिखी थी। होली पर। तो मुझे लगा कि मैं क्यों न? स्? पे भी सुना? तो मैं यह कविता शुरू करती हूँ। शीर्षक है राधा कृष्ण। संग। खेलूंगी। मैं तो होली। राधा कृष्ण के संग? खेलूंगी। मैं तो होली। और किसी संग? न। खेलूंगी। मैं। तो होली। टेसू। हर, सिंगार, गुलाब? और मो से बना करुं। तैयार। कोमल। रंग। अपने खुद के हाथ?
Muskan Bothra
@Heart_sayer · 1:22
बाल्टी में पानी है साथ में पिचकारी है। हाथों में। रंग हैं। दोनों की। नटखट। 1 की। अदाएं सभी चीज बखूबी बताई है। क्योंकि जब भी हम होली का त्यौहार याद करते हैं। तो हमें राधा कृष्ण की होली ही याद आती है। क्योंकि वो ही 1 अनोखी होली है जो हर 1 को बहुत लुभाती है। तो आपने कविता में हर 1 लुभावन को बहुत ही खूबसूरती से जताया है। और बताया है कि राधा कृष्ण के संग मैं तो खेलूंगी। होली। बहुत खूबसूरती से बताया है। थैंक यू।