@swatinakshatra8
Swati Bhargava
@swatinakshatra8 · 1:51

सौम्यता का प्रतीक है नारी, कभी है शक्तिशाली

article image placeholderUploaded by @swatinakshatra8
मैं। स्वाती। भार। आज फिर आपके लिए कविता ले कर रही हूँ। मैं कविता सुनाने जा रही हूँ? जिसका शीर्षक है? सौम्यता का प्रतीक। है। नारी की है। शक्तिशाली। तो शुरू करती हूँ? सौम्यता का प्रतीक। है। नारी। कवि। दुर्गा की है। शक्तिशाली। समझ और ज्ञान का भंडार। सरस्वती। सहनशक्ति। बहुत है। अपार वाली। प्रेम। ममता। वासिल की हैं। धनी। तुम। न लेना। कभी। परीक्षा। इसकी गलत? करोगे।

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@Heart_sayer
Muskan Bothra
@Heart_sayer · 1:34
और किसी न किसी समय पर वो भी उस दौर से गुजर चुकी होगी। या फिर वो समय उसके साथ अभी चल रहा होगा। क्योंकि तभी कहते हैं नारी ही नारी को आगे बढ़ा सकती है? या फिर गिरा सकती है। अगर हर 1 नारी को सम्मान दिलाना है। और अगर हर 1 नारी को आगे बढ़ना है तो हर 1 दूसरी नारी को हर 1 दूसरी नारी की मदद करनी होगी। हाथ आगे बढ़ाना चाहिए? तभी हम आगे बढ़ सकेंगे और समाज में अपनी क्षमता दिखा पाएंगे और अपनी जगह बना पाएंगे।
@voicequeen
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:50
हेलो? sवातीजीगुडीआकी भी ता स्वमत का प्रतीक सेनानी कभी है? शक्तिशाल? बहुत अच्छी है। महिला। स। शक्तिकरण पर आधारित है। पर आपका जो बैगराउंड म्यूजिक है वो मुझे बहुत लाउड लगा। यदि थोड़ा सा सॉकटीलमेंउठा ताकि कविता और ज्यादा प्रभावशाली होती बात करें। कविता की। ता अपने टॉपिक? बहुत अच्छा चुना है। अ सच्छी का है। समाज। आज भी पुरुष प्रधान ही है। और 1 नारी ही दूसरी नारी को प्राय आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहती हो? उसकी मदद नहीं करती? उसे इससे ती है।
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