कवियों की उनके अगले प्रोग्रामों की है न महाभारत कवियों का इस कवि सम्मलेन में यह छोटी सी प्रस्तुति थी कवियों के कवि सम्मलेन के माध्यम से। हर कवि चाहता है कि मैं उस कवि से ज्यादा अच्छा लिखता हूँ उस कवि से ज्यादा अच्छा बोलता हूँ लेकिन उनकी कविताओं, उनकी प्रस्तुति का सारा सब कुछ निर्भर करता है सवार में उपस्थित श्रोतागणों से।
हाई? सुमित? सरकार? जी सुबह दही। आपकी। ये स्वेल बहुत अच्छा लगा। क्योंकि मैं मैं आपकी स्वेल को बहुत कनेक्ट कर पाई। मुझे कभी सम्मेलन देखने का बहुत शौक था। पहले से भी। जब मैं कुछ सीरीज? या कुछ सीरियल्स, तेनाली, राम कृष्ण ऐसा कुछ सीरियल्स देखती हूँ? तो मुझे कभी सम्मलेन का बहुत शौक था। बचपन से। मैं अभी भी चेक कर रही हूं। कहीं भी ऐसा कवि सम्मलेन हो? तो वह जाकर। मैं भी पार्टिसिपेट करूं ऐसा सोच सोच रही हूं?