Ssumit Sarkar
@sumitsarkar999 · 1:48
Swaarna (improvement)
नमस्कार, दोपहर की धूप, धीरे, धीरे, ढलती हुई। शाम की चांदी। जैसी। शाम के लिए। इस होते हुए। शाम में मुझे कुछ नई चीजें। याद। आई। जिंदगी को कैसे संवारा जा सकता है? उसके बारे में सोच रहा था? सोचते। सोचते। मैंने। 1। छोटी सी कविता लिखता ही सवारना, जो आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरी कविता। सवारना। मैंने तुम्हारी परछाइयों के साथ जीना सीख लिया है। कांच के आईने में न देखते हुए, हर वक्त अपने दिल के आईने में, तुमको देखने का हुनर सीख लिया है।
अब जिस तरह खुद को प्रेरणा देकर आगे जाने की बात की। मुझे बहुत अच्छा लगा। दर्द होते हैं, दुख होते हैं, परेशानियां होती हैं। फिर भी हम कभी ये इसे दिमाग में रखते हुए हार नहीं मानना चाहिए। हार ना मानते हुए, आगे जाकर अपने आप को हासिल करना चाहिए। अपने मंजिल तक पहुंचना चाहिए। बहुत बहुत धन्यवाद।
नमस्कार। और मैं बहुत बहुत शुक्रिया करना चाहूंगी कि आप इतनी प्यारी कविता हमारे समक्ष लेकर आए। और आपने इम्प्रूवमेंट को वार्ना को बहुत ही खूब। बहुत ही सुंदर तरीके से, सुंदर तरीके से, शब्दों के धागों में पिरो के हमारे समक्ष प्रस्तुत किए। किया है। और आपकी लिखने की कला बहुत ही सरहाना करना चाहूंगी। मैं और सो थैंक यू सो मच। और ऐसी कविता के साथ हमारे समक्ष आते रहिएगा।
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:20
bhot? badiya jo point? जो ने poem like hot he bria i lavedidand it really resonated with me? thank you for sharing। this beautiful poem। have a wonderful? day? baby।