Ssumit Sarkar
@sumitsarkar999 · 3:42
Ujala hi ujala by Piysh Mishra
नमस्कार। स्वर्ग के सभी साथियों। आज। महासप्तमी है। इसकी। मैं। शुभकामनाएं आप सभी साथियों को देता हूँ। मैं ऐसे ही कुछ कविताएं पढ़ रहा था। उसमें पियूष मिश्रा द्वारा लिखित। 1। कविता। बहुत अच्छी लगी। उजला ही उजला। जो मैं आप सब लोगों को प्रस्तुत कर रहा हूँ। उजला ही उजला शहर होगा। जिसमें हम तुम बनायेंगे। घर। दोनों। रहेंगे। कबूतर से। जिसमें होगा न? बाजों का डर। मखमल की। नाजुक? दीवारें भी होंगी। कोनों में।