Bus ki baat nahi …!
चाहत हर किसी के बस की बात नहीं किसी को ठोकर खा के समझ में आती है और किसी को मौका गंवा कर इसलिए चाहत हर किसी के बस की बात नहीं।
Sumran Jot Singh
@Sumranjs · 0:49
आपने बहुत सही कहा चाहत हर किसी के बस की बात नहीं मुझे लगता है हमारे बस में कुछ भी नहीं है यह सिर्फ 1 मन का वहम है जिसके सहारे हम रोज कुछ न कुछ चाहने लगते हैं और शायद इसी में मजा है इस वहम में ही मजा है इसी में दर्द है इसी में सकून है पर हाँ हमारे बस में कुछ नहीं।