पहले जिसकी बातों से ही मैं बस थम सी जाती थी मेरा रंग सफेद हो जाता था। आज उनकी बातों से भी मैं भाग रही हूँ पहले जिन से मुझे फर्क पड़ता था घंटो इंतजार के कूबदरेथेआजउनसे पीछे चुराने को जी करता है।
पहले जिसकी बातों से ही मैं बस थम सी जाती थी मेरा रंग सफेद हो जाता था। आज उनकी बातों से भी मैं भाग रही हूँ पहले जिन से मुझे फर्क पड़ता था घंटो इंतजार के कूबदरेथेआजउनसे पीछे चुराने को जी करता है।