मैं? चाहकर भी। तुम्हारी नजरों से दूर नहीं हो पाई। ऐसा महसूस करने लगे? कि बस? तुम हो? तुम? यही हो? तुम। मुझे देख रहे हो? उस अंजान जगह में। तुम्हारा पूरे? इतनी बड़ी? दीवार? पे? तुम्हारा? पोस्टर होना? तुम्हारा ही क्यों? और वहीं पर क्यों? बहुत महीने हो गए है? बहुत दिन निकल गए है। बहुत समय निकल गया है। मैं जानती हूँ कि सबकी जिंदगी आगे का मोड़ ले लेती हैं। लेकिन मेरी जिंदगी मुझे पीछे के रास्ते ही क्यों? ढकेलती है? बहुत मुश्किल है। तुम।
हेलो आपकी स्वेल सच में बहुत हार्ट टचिंग है। कभी कभी कुछ एहसास ऐसा होता है कि हमें उसे बातों में प्रकट नहीं कर पाए। और जब हम उसे बातों में कहने की कोशिश करेंगे तो कई कई अटक जायेंगे क्योंकि एहसास ऐसा है जो जिसका वर्णन बातों में नहीं हो सकती है। और आपकी स्वेल्स सुनकर। तो मुझे कई सारे इमोशंस का एहसास हुआ ऐसे बहुत अच्छे स्वेल हमारे साथ प्रस्तुत करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।