नमस्ते? दोस्तों, मेरी इस फिल्म बैट्री का नाम हैं गलत फैमिया। रिश्तों में देखिये कि आज कल गलत फैमिया छोटी छोटी? गलत फैमियां। अच्छे। अच्छे। रिश्तों को खराब कर देती है। आजकल। नए रिश्ते बनते हैं। और चटपट में बिगड़ जाते हैं। पुराने रिश्तों का कोई भरोसा ही नहीं होता। कम आप समझ रहे। अच्छे और कम खत्म हो जाते हैं। तो उसी पर। मैंने। जो। आज अपनी पोयट्री लिखी है, उसकी हेडिंग है। गलत फैमियां। रिश्तों में। रिश्ते को झकझोर जाती है। ये गलत फैमियां।
Laxmi Dixit
@vicharnama · 0:51
बहुत ही खूबसूरत लिखा है। आपने। सच में। गलत फैमियां रिश्तों को बर्बाद कर देती हैं। जैसे 1 गंदी मछली पूरे तालाब को खराब कर देती हैं। वैसे ही रिश्तों में। परिवार में ए गलत फैमी आ जाए। तो परिवार में दरार पड़ जाती है। विश्वास ऐसी चीज है। जो बहुत जरुरी है। आज के समय में जब सब और नेगेटिविटी फैली हुई है। गलत फैमियां हमें बनाती नहीं बिगाड़ देती हैं। बहुत ही अच्छा लिखा है। आपने धन्यवाद।
नमस्कार। जोतना जी। मुझे आपकी कविता बहुत अच्छी लगी। और ये जो आपने आज कविता का शीर्षक चुना है। गलत फैमियां। यह मुझे लगा कि यह बहुत अच्छा शिक्षक था। क्योंकि गलत फैमियां जो हैं वो चीजें खराब कर देती हैं। रिश्ते खराब कर देती हैं। हम कई बार किसी की बात पर यकीन कर लेते है। हम कोशिश भी नहीं करते कि 1 बार बात करके जो असल बात है वो पता करें। कई बार लोग बात को घुमा फिरा के में बताते हैं। रिश्तों में दरारें आ जाती हैं। तो ये आपने बहुत अच्छा विषय चुना।
Swell Team
@Swell · 0:15
नमस्कार? जो जी आशा करती हूँ की आप ठीक और कुछ साल होंगे तो आपने जो अपना नया आज राइटअप लिखा है जिसका शिक्षक है गलत फैमिया। रिश्तों में। तो अक्सर आजकल के जमाने में देखा जाए तो रिश्ते जो है वो पहले की तरह जो इतने मजबूत नहीं हैं और छोटी छोटी अक्सर छोटी छोटी गलतियाँ छोटी छोटी गलती फैमियों से जो है कई रिश्ते जो है टूट भी जाते हैं। तो फिर से रिश्ते बनाने में जो है भरोसा जो है वो आजकल लोगों पर कम किया जाता है।
ऐसा होता है हमारे जीवन में कि कभी भी हमें हमारी जैसी विचारधारा का व्यक्ति मिले? ऐसा जरूरी नहीं है। हमें हर 1 मोमेंट में थोड़ा कॉम्प्रोमाइज करके थोड़ा एडजस्ट करके चलना पड़ता है। पर इस सब के बीच अगर 1 गलत फैमी आ जाए भले ही वह छोटी गलतफैमी क्यों न हो। तो तुरंत उसी समय उस चीज को सामने वाले पर्सन के साथ डिस्कस कर लेना चाहिए फिर चाहे कोई भी रिश्ता क्यों न हो। क्योंकि अगर आप डिस्कस नहीं करते है तो वो चीज कहीं न कहीं आपके मन में रह जाती है।