@SPane23
Jyotsana Rupam
@SPane23 · 3:25

माँ और बच्चे का अनोखा बंधन

article image placeholderUploaded by @SPane23
माँ की आवाज में। मेरे कानों में। अमृत सा? घोल दिया। मेरे कानों में। अमृतस? घोल दिया। तेरे जन्म के संग ही। मेरा भी। 1 जन्म हुआ। तेरे जन्म के संग ही। मेरा भी 1 जन्म हुआ। माँ और बच्चे का अनोखा रिश्ता। माँ और बच्चे का अनोखा, रिश्ता, संसार को। 1 नया है? आधार दिया। माँ और बच्चे का अनोखा। रिश्ता, संसार को। 1 नया। आधार दिया? थैंक यू आप सब को सुनने के लिए। थैंक यू सो मच।

# swell cast # my voice new poem

@Kushagraverma
Kushagra verma
@Kushagraverma · 1:18
जोसनजआेबहुतबहुत अच्छी कविता बोली कि क्या fीलिगहोगiमामा बनती है? क्योंकि वो पल कितना खास होता होगा? जब 1 शिशु को आप अपने पलकों के सामने देखते हो? और सोचते हो? ये मेरा अंश है। वो पल कितना अद्भुत होता होगा? और बच्चे? तो खैर भगवान का रूप होते है और और बच्चे बहुत अच्छे लगते हैं। लेकिन 1 मां के लिए वो जो फीलिंग कुछ अलग सी होती है। वो अपने जिस तरह से अपनी रचना में प्रस्तुत करिए बहुत ही दिल छू लेने वाली है। और ऐसे ही रिश्तों को अपने कविता में, अपनी रचनाओं में ऐसे ही एक्सप्लेन करते रहे।
@sadi
sadia 01
@sadi · 1:00
हाय जी आपने बिल्कुल सही कहा है? जो मां और बच्चे का अनोखा बंधन होता है। वह बहुत ही ज्यादा खूबसूरत होता है। बहुत ही ज्यादा प्यारा होता है। 1 औरत जीने का सहारा देता है। पहचान देता है। 1 औरत माँ की पहचान देता है। इन दोनों में। बहुत ही ज्यादा इमोशनल अटेचमेंट कनेक्शन होता है? और वो जितना सुकून देता है। जितनी खुशी देता है। शायद हर कोई न दे। सके? माँ तो माँ ही होती है। दिल खोल कर। अपने बच्चे से। मत। बता ती है। और जो आपकी शायरी थी। आपकी पोयट्री थी।
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