SOUMYA SHARMA
@soumya123 · 1:10
मैं सबकी सुनता रहा
हेलो? फ्रेंड्स। आज मैंने कुछ पंक्तियां लिखी हैं। जिनका शीर्षक है। मैं सबकी सुनता रहा। तो पंक्तियां कुछ इस प्रकार है। लोग ताने देते रहे। मैं सबकी सुनता रहा। उनकी बातें जो थी। शमशीर जैसी उन्हें झेलता रहा। मैं अपनी ही धुन की दरिया में हमेशा बहता रहा। रोज रोज उनकी बातों से जलता रहा। अपनी किस्मत को नए रंग से। फिर से लिखता रहा। अपने आप से। खुद। पर। यकीन रखने को सदा। कहता रहा। मैं हमेशा सही समय का इंतजार करता रहा।