ये शिकायतों की भी लहजे अजीब होते हैं। ये शिकायतों की भी लहजे अजीब होते हैं? जिनसे होती है न? अक्सर वही दिल में रहते हैं। शिकायतें। मुझे भी। बहुत है। शख्स से। शिकायतें। मुझे भी। बहुत है उस शख्स से। पर। फिर भी। मेरे दिल में। छिपा? बैठा है? कहते नहीं कुछ भी। अब। हम उनसे। कहते नहीं कुछ भी। अब हम उनसे। फिर भी। मर्जी। इश्क बनकर? कहीं? तो? मुझ में दबा बैठा है? मैं? गुस्सा हूँ उसे?